लखनऊ 22 अगस्त (वार्ता) विपक्षी दलों पर रामराज्य की अवधारणा का विरोधी होने का आरोप लगाते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि राम सेतु का विरोध करने वाले और नागरिकता कानून के नाम पर समाज को बांटने का प्रयास करने वाले फिर से अपनी विभाजनकारी और कुत्सित राजनीति के जरिए समाज को विभाजित करने की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
विधानसभा में करीब एक घंटे के उदबोधन में श्री योगी ने समाजवादी पार्टी(सपा),कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का नाम लिये बगैर निशाना साधते हुये कहा कि बहुत सारे लोगों को रामराज्य की अवधारणा अच्छी नहीं लगती। इसीलिए मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के मन्दिर निर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ने से अपनी भावनाएं और अपने अन्दर की कुण्ठा को वह दबा नहीं पाए। वह बरबस किसी न किसी रूप में निकल रहा है और किस रूप में निकल रहा है, इनके वक्तव्यों को देख करके आश्चर्य होता है।
उन्होने कहा कि जिन लोगों को राम की वास्तविकता पर विश्वास नहीं था, उन्हें राम की ताकत का एहसास अब हो रहा होगा। अब रोम की भाषा बोलने वाले लोग भी राम-राम चिल्लाने लग गये हैं, भले ही परशुराम के बहाने ही क्यों न हो। राम का नाम तो ऐसा है कि चाहे किसी भी रूप में लें, राम के नाम पर, चाहे परशुराम के नाम पर, चाहे मरा-मरा के नाम पर लें, वह हर एक का उद्धार कर देता है।
श्री योगी ने कहा कि यह वही लोग हैं जिन्होंने राम सेतु का विरोध किया था, जिन्होंने नागरिकता कानून के नाम पर देश की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया था, इस समाज को बांटने का प्रयास किया था। ऐसे लोग आज फिर से अपनी विभाजनकारी और कुत्सित राजनीति के जरिए समाज को विभाजित करने की ओर अग्रसर हो रहे हैं। यह वही लोग हैं जिन्होंने राम भक्तों पर गोलियां चलायीं थीं। यह वही लोग हैं जो आज जातिवाद का नारा कर रहे हैं, जातीयता का झण्डा लेकर चल रहे हैं। यह वही लोग हैं जब सत्ता में आते हैं तो कन्नौज के भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता नीरज मिश्रा का सिर काटकर ब्रीफकेस में अपने यहां मंगाते हैं और उस शर्मनाक घटना के बाद भी जनता से माफी नहीं मांगते।
उन्होने कहा कि यह वही लोग हैं जो तिलक और तराजू की बात करके समाज को बार-बार गाली देते थे और, आज उत्साह और उमंग के इस माहौल में, किस प्रकार नये रूप में जहर घोलने का काम कर रहे हैं। समाज देख रहा है, लेकिन राम का काज चलता रहेगा।
प्रदीप
जारी वार्ता