खेलPosted at: Feb 9 2019 8:19PM प्लेऑफ उम्मीदों के लिए भिड़ेंगे पुणे और एटीके
पुणे, 09 फरवरी (वार्ता) हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के पांचवें सीजन में कुछ टीमों के लिए सेमीफाइनल की राह काफी कठिन हो गई है। पुणे और दो बार की चैम्पियन एटीके इन्हीं में से एक हैं। तमाम कठिनाइयों के बावजूद ये दो टीमों जीत का मकसद लेकर रविवार को आपस में भिड़ेंगी।
दोनों टीमों के लिए प्लेआॅफ की जंग कठिन है लेकिन नामुमकिन नहीं है। एटीके के खाते में 14 मैचों से 20 अंक हैं और वह तालिका में छठे स्थान पर काबिज है जबकि पुणे सिटी के पास 14 अंक हैं और उसके खाते में अभी पांच मैच शेष हैं। ऐसे में ये दोनों टीमें प्लेआॅफ में पहुंचने की एक अंतिम कोशिश करती दिख रही हैं।
इन दोनों टीमों को अब अपने बाकी के मैचोें में हर हाल में जीत हासिल करनी होगी और इससे कम से उनका काम नहीं चलने वाला है। ऐसे में श्री छत्रपति शिवाजी स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स स्टेडियम में होने वाला यह मुकाबला काफी रोचक होगा।
मेजबान टीम लगातार तीन जीत के बाद इस मैच में उतरेगी। उसने अपने पिछले मैच में मौजूदा चैम्पियन चेन्नइयन एफसी को 2-1 से हराया था। टीम के नए कोच फिल ब्राउन चाहते हैं कि उनकी टीम अपने डिफेंस को मजबूत करते हुए नए सिरे से रणनीति बनाकर मैदान में उतरे।
दूसरी ओर, स्टीव कोपेल की टीम लीग के शुरुआती मैचो में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद लय में लौटी है। उसने शुरुआती 12 मैचों में 10 गोल किए और बीते दो मैचो में तीन बार गोल कर चुकी है। विंटर ट्रांसफर विंडो में इदु बेदिया को अपने साथ जोड़ने के बाद यह टीम आत्मविश्वास से भरी हुई नजर आ रही है। कालू उचे के लौटने से भी यह टीम मजबूत हुई है। मैनुएएल लेंजारोते, गार्सिया और एवर्टन सांतोस के बीच का तालमेल टीम के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है।
पुणे पर जीत एटीके के लिए काफी फायदेमंद होगी क्योंकि इससे वह अंक तालिका में चौथे स्थान पर काबिज नार्थईस्ट युनाइटेड एफसी और अपने बीच अंकों के फासले को कम कर लेगी। पुणे को हराने के लिए जॉन जॉनसन के नेतृत्व वाले एटीके के डिफेंस को पुणे के तेजतर्रार आक्रमणपंक्ति से सावधान रहना होगा। कोपेल के सामने यह दुविधा है कि वह डिफेंस में जॉनसन के साथ आंद्रे बिके को रखें या फिर अपनी आक्रमणपंक्ति को मजबूती प्रदान करते हुए बिके को आगे की पंक्ति मे खिलाएं।
पुणे के खिलाफ एटीके का रिकार्ड अच्छा नहीं रहा है। इन दो टीमों के बीच अब तक नौ मुकाबले हुए हैं, जिनमें से दो बार ही एटीके को जीत मिली है।
राज
वार्ता