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करतारपुर साहिब कॅारिडोर के लिए आधारशिला रखने के मौके पर पाकिस्तान न जाने संबंधी पूछे जाने पर कैप्टन ने कहा कि उन्होंने दोहराया कि ऐसा उन्होंने सीमा पर पाकिस्तानी सेना के भारतीय जवानों को मारने और सीमा पार आतंकवाद की घटनाओं के विरोध में किया था।
शिलान्यास कार्यक्रम में श्री सिद्धू के पाकिस्तान जाने के मुद्दे पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह
ने कहा कि उन्होंने श्री सिद्धू को बताया था कि उन्होंने पाकिस्तान के विदेश मामलों के मंत्रालय की तरफ से आए न्यौते को लिखित तौर पर रद्द कर दिया है और उसकी प्रति भी सोशल मीडीया पर सांझी की थी।
कैप्टन ने कहा कि पाकिस्तान न जाने की सलाह दिए जाने के बावजूद श्री सिद्धू इमरान ख़ान के साथ अपनी दोस्ती के कारण वहाँ गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गैर तर्कसंगत नहीं था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके भी वहां बहुत से दोस्त हैं परवेज इलाही शामिल हैं। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वह पिछले कार्यकाल के दौरान लगातार मिलते रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री इलाही उनको मिलने के लिए पटियाला में भी आए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री सिद्धू एक ‘पसंद किये जाने योग्य‘ व्यक्ति है। उन्होंने कहा कि उनके श्री सिद्धू के माँ-बाप के साथ भी गहरे संबन्ध हैं।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनके और श्री सिद्धू के बीच कभी भी टकराव पैदा नहीं हुआ जैसा कि मीडिया में बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार चलाते समय उन्हें श्री सिद्धू के साथ किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं आई।
कैप्टन ने कहा कि श्री सिद्धू हमेशा स्पष्ट बोलते हैं और उनकी एक ही समस्या है कि वह कई बार सोचने से पहले ही बोल जाते हैं।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सिखों की धार्मिक भावनाओं से फ़ायदा उठा के पंजाब में आंतकवाद को पैदा करने के लिए ‘सिक्ख्स फॉर जस्टिस‘ (एसएफजे) की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग खासकर देहाती इलाकों के सिख कथित 'जनमत संग्रह -2020‘ का समर्थन नहीं करेंगे। एसएफजे ने दावा किया है कि
करतारपुर कॉरिडोर पाकिस्तान का एक तोहफ़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एसएफजे की बात करने वाला पंजाब में कोई नहीं है।
महेश विजय
वार्ता
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