Wednesday, Apr 24 2024 | Time 07:53 Hrs(IST)
image
राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचल


पंजाब का पर्यावरण, पानी बचाने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा व्यापक मुहिम शुरु करने का एलान

पंजाब का पर्यावरण, पानी बचाने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा व्यापक मुहिम शुरु करने का एलान

सिम्बली (होशियारपुर), 08 मई (वार्ता) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को भूजल संरक्षण के साथ-साथ राज्य की वनस्पति और जंगली जीव को बचाने के लिए बड़े स्तर पर मुहिम शुरू करने का एलान किया है।

चिट्टी वेईं के प्रोजेक्ट का नींव पत्थर रखने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब महान गुरुओं और संतों की पवित्र धरती है, जिन्होंने हमें पर्यावरण के संरक्षण का रास्ता दिखाया। उन्होंने कहा कि गुरु साहिबान के नक्शे-कदम पर चलते हुये राज्य सरकार, पंजाब के कुदरती संसाधनों के संरक्षण के लिए बड़े स्तर पर मुहिम शुरू करेगी। भगवंत मान ने कहा कि इस महान कार्य के लिए धन की कोई कमी नहीं है।

पर्यावरण के मसलों को जानबूझ कर नजर अंदाज करने के लिए विरोधी पक्षों की आलोचना करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी, हवा और धरती की कोई वोट न होने के कारण इन नेताओं ने इन तीनों क्षेत्रों को नजर अन्दाज किया। उन्होंने कहा कि बड़े स्तर पर प्रदूषण के कारण इन तीनों ही कुदरती संसाधनों का नुकसान हुआ है, जिससे समाज को अपूरणीय क्षति हो रही है। भगवंत मान ने कहा कि राज्य में ‘आप’ सरकार बनने के बाद पर्यावरण को बचाने के लिए कदम उठाए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने भूजल की बचत करने के लिए नहर के पानी के अधिकतम प्रयोग के लिए बड़े स्तर पर कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इस समय पंजाब अपने पास उपलब्ध नहर के पानी में से सिर्फ़ 33 से 34 प्रतिशत का प्रयोग कर रहा है। इसको आने वाले दिनों में बढ़ाया जायेगा। भगवंत मान ने उम्मीद ज़ाहिर की कि पंजाब पहले पड़ाव में नहरी पानी का प्रयोग को बढ़ा कर 60 प्रतिशत करेगा, जिससे कुल 14 लाख ट्यूबवेलों में से तकरीबन चार लाख ट्यूबवेल बंद हो सकें। इस कदम से भूजल बचाने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की भलाई के उद्देश्य से नवीन पहलकदमी करते हुए राज्य सरकार ने पहली बार सरकार-किसान मिलन करवाया जिससे किसानों को कृषि संकट में से निकाला जा सके। मान ने कहा कि लगातार बढ़ रही लागतों और घटते लाभ के कारण खेती अब लाभदायक धंधा नहीं रह गई और राज्य के किसान संकट में हैं। उन्होंने कहा कि इस मिलन के दौरान हुए विचार-विमर्श के बाद ही राज्य सरकार ने किसानों को नरमे की फ़सल की काश्त के लिए एक अप्रैल से नहर का पानी मुहैया करवाने का फ़ैसला किया। उन्होंने कहा कि राज्य की नरमा पट्टी में पानी की आपूर्ति को यकीनी बनाया गया, जिससे काश्तकारों को बड़े स्तर पर लाभ मिल सके। भगवंत मान ने कहा कि टेलों पर निर्विघ्न और अपेक्षित नहर के पानी की सप्लाई करने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास किये गए।

मुख्यमंत्री ने दोहराया कि सतलुज-यमुना लिंक (एस. वाई. एल) नहर के प्रोजेक्ट को अब यमुना-सतलुज लिंक (वाई. एस. एल.) के तौर पर जाना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सतलुज दरिया पहले ही सूख चुका है और किसी को एक बूँद पानी देने का सवाल ही पैदा नहीं होता। भगवंत मान ने कहा कि इसके उलट गंगा और यमुना का पानी सतलुज दरिया के द्वारा पंजाब को सप्लाई होना चाहिए जिससे राज्य की ज़रूरतों पूरी हो सकें।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी एलान किया कि होशियारपुर जिले के जो गाँव शहीद भगत सिंह नगर जिले के साथ जुड़ने के इच्छुक हैं, उनके बारे कैबिनेट द्वारा हमदर्दी से विचार किया जायेगा। उन्होंने गढ़शंकर बाइपास को अपग्रेड और मज़बूत करने का भी एलान किया।

ठाकुर.श्रवण

वार्ता

image