भारतPosted at: Sep 4 2018 9:37PM क्लीन एनर्जी के इस्तेमाल का लक्ष्य समय से पहले पूरा होगा : हर्षवर्धन
नयी दिल्ली, 04 सितम्बर (वार्ता) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने मंगलवार को दावा कि देश में 2022 तक 175 गीगाबाइट क्लीन एनर्जी के इस्तेमाल का लक्ष्य समय से पहले प्राप्त कर लिया जायेगा।
श्री हर्षवर्धन ने अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासभा (आईवीएफ) की ओर से केरल के बाढ़ पीड़ितों के लिए भेजे जा रहे सौर उपकरणों से लदे वाहनों को रवाना करने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि देश में वास्तव में सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए पहले से ही बहुत बड़ा आंदोलन चल रहा है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे लेकर एक लक्ष्य निर्धारित किया है।
उन्होंने कहा कि श्री मोदी का लक्ष्य 2022 तक देश में कम से कम 175 गीगाबाइट क्लीन एनर्जी के इस्तेमाल का है और इस दिशा में तेजी से प्रयास जारी है। उन्हें प्राप्त जानकारियों के अनुसार, भारत यह लक्ष्य समय से पहले प्राप्त कर लेगा।
केंद्रीय मंत्री ने आईवीएफ की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि वैश्य समुदाय का एक सेनानी होने के नाते उन्हें गर्व की अनुभूति हो रही है कि महासभा ने ऐसा अभियान शुरू किया है और वह भी इसका हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां सौर उपकरणों के कारण बाढ़ प्रभावितों के जीवन में ‘रोशनी’ आयेगी, वहीं यह सौर ऊर्जा के इस्तेमाल की दिशा में एक बेहतर प्रयास भी होगा।
श्री हर्षवर्धन ने कहा कि केरल में सब कुछ अस्त-व्यस्त हो गया है। बाढ़ के बाद बीमारियां फैलने का डर रहता है, ऐसी स्थिति में आईवीएफ की ओर से भेजे गये सौर उपकरण महती भूमिका निभायेंगे। इन उपकरणों का इस्तेमाल विभिन्न डिस्पेंसरियों में भी किया जा सकता है।
उन्होंने आईवीएफ अध्यक्ष अशोक अग्रवाल एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष एस के तिजारावाला सहित विभिन्न पदाधिकारियों की उपस्थिति में महासभा की ओर से 51 लाख रुपये के सौर उपकरण की पहली खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि आईवीएफ की ओर से आवश्यकतानुसार केरल के बाढ़ पीड़ितों को इस प्रकार की आगे भी सहायता जारी रहेगी। आईवीएफ वैश्य समुदाय के 25 करोड़ लोगों की सर्वोच्च संस्था है।
सुरेश
वार्ता