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काेरोना मामलों में तेजी के मद्देनजर किसान आंदोलन खत्म करें: खट्टर

काेरोना मामलों में तेजी के मद्देनजर किसान आंदोलन खत्म करें: खट्टर

चंडीगढ़, 16 अप्रैल(वार्ता) हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने देश और प्रदेश में कोरोना के तेजी से बढ़ रहे मामलों के कारण उत्पन्न चिंताजनक स्थिति के मद्देनजर किसानों से संकट के इस समय में अपना आंदोलन समाप्त करने की अपील की है।

श्री खट्टर ने टेलीविज़न पर ‘हरियाणा की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश की जनता को अपने सम्बोधन के दौरान यह अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार सदैव किसानों की बात सुनती आई है। विचारों में अंतर हो सकता है लेकिन इस समय सजग रहने की आवश्यकता है। इसलिए किसान अपना आंदोलन समाप्त कर घरों को लौटें। उन्होंने कहा कि आंदोलन करना हर किसी का लोकतांत्रिक अधिकार है लेकिन इस समय जो वैश्विक महामारी पूरी मानवता के लिए खतरा बनी हुई है उससे बचाव करना भी सबकी सामूहिक जिम्मेवारी है। इसलिए किसानों को नैतिकता के आधार पर इस महामारी से बचाव के लिए अपना आंदोलन समाप्त करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष कोरोना महामारी से बचाव के लिए लॉकडाउन लागू किया गया था। लेकिन उस समय औद्योगिक गतिविधियां रूकने के कारण समस्या का सामना करना पड़ा। इस बार भी गत वर्ष की भांति कोरोना मामलों में अचानक वृद्धि हुई है जिसे रोकना अत्यंत आवश्यक है। लेकिन इस बार गत वर्ष के अनुभव से सीखते हुए औद्योगिक गतिविधियां बंदी नहीं होंगी, वे चलती रहेंगी। उन्होंने श्रमिकों से आग्रह किया कि वे निश्चिंत होकर अपने कार्य में लगे रहें, किसी प्रकार से घबराने की जरूरत नहीं है। उन्हें किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं आने दी जाएगी। राज्य सरकार उनके साथ खड़ी है। गत बार भी लगभग 1500 करोड़ रुपये सरकार की ओर से राशन और आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए खर्च किए गए थे।

उन्होंने कहा कि हालांकि, उद्योगपति कोविड-19 से बचाव के लिए जारी सभी प्रकार के दिशा-निर्देशों का पालन अवश्य सुनिश्चित करें। चाहें तो वे शिफ्टों में या छुट्टी के दिनों में कम स्टाफ के साथ औद्योगिक गतिविधियां संचालित करते रहें ताकि कोरोना मामलों पर भी अंकुश रहे और श्रमिकों को भी किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी गेहूं की खरीद कोरोना के साए में ही हो रही है। सरकार की ओर से मंडियों और खरीद केंद्रों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लगभग 80 लाख टन गेहूं मंडियों में आना है। आधे से ज्यादा यानी लगभग 50 लाख टन मंडियों में आ चुका है। इसमें से 40 लाख टन की खरीद हाे चुकी है और 25 लाख टन का उठान हो चुका है। उन्होंने कहा कि जिला उपायुक्तों को अधिकार दिए हुए हैं कि ट्रांसपोर्टर यदि अनाज का उठान करने में असमर्थमता जाहिर करता है तो उठान के लिए अलग से व्यवस्था करें, लेकिन मंडियों में अनाज इकठ्ठा प होने दें।

मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की कि जिस मंडी में अनाज ज्यादा आ चुका है वहां किसान दो दिन के बाद अनाज लेकर आएं। ऐसी मंडियों में 17 और 18 अप्रैल को खरीद नहीं की जाएगी ताकि खरीदे गये अनाज का उठान हो सके। इससे किसानों और प्रशासन दोनों को सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि इस बार प्रदेश सरकार ने किसानों के खातों में 72 घंटों के अंदर सीधा भगुतान करने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गत डेढ़ माह में प्रदेश में कल सबसे ज्यादा कोरोना पॉजीटिव के 5858 मामले एक दिन में आए। उन्होंने कहा कि एक समय में हरियाणा का रिकवरी रेट 98 प्रतिशत चला गया था जो अब 90 प्रतिशत पर आ गया है और यह चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर, मास्क और पीपीई किट आदि की पर्याप्त मात्रा है। डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ सभी अलर्ट हैं। 30,000 से ज्यादा जांच प्रतिदिन हो रही है और पॉजीटिव पाए जाने पर ट्रेकिंग और ट्रेसिंग की जा रही है। जो मरीज होम आइसोलेशन में रह रहे हैं उन्हें टेली कंसलटेशन की सुविधा भी दी जा रही है। सरकार ने कोविड से सम्बंधित किसी भी प्रकार की सहायता या जानकारी प्राप्त करने के लिए पंचकूला, गुरुग्राम और फरीदाबाद जिलों के लिए हेल्पलाइन नंबर-85588 93911 और अन्य जिलों के लिए 1075 जारी किये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोविड वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग अभी तक 30-50 लाख लोगों का टीकाकरण कर चुका है। 11 से 14 अप्रैल को टीकाकरण अभियान चलाया गया था जिसमें लगभग छह लाख लोगों का टीकाकरण किया गया। 20 अप्रैल से सभी विभागों के सहयोग से एक और टीकाकरण महाअभियान की शुरुआत किया जाएगा जिसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि 45 वर्ष की आयु के सभी लोग टीका लगवा लें। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए कोविड एप्रोप्रिएट व्यवहार का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से सख्त कदम भी उठाए जा रहे हैं। मास्क न पहनने वालों के चालान भी किए जा रहे हैं और साथ में मास्क भी बांटे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों, बाजार, सिनेमाघर, पर्यटन स्थल, धार्मिक स्थान और सब्जी मंडियों में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और मास्क पहन कर रखें।

श्री खट्टर के अनुसार कोरोना मामलों में वृद्धि के चलते सरकार ने रात 10 बजे से लेकर प्रात पांच बजे तक कर्फ्यू लागू किया है। इस दौरान कोई भी बिना पास के बाहर न निकले। जहां तक सामूहिक कार्यक्रम जैसे विवाह आदि कार्यक्रम है उसमें भी इंडोर में 50 प्रतिशत क्षमता और अधिकतम 50 व्यक्ति तथा आउटडोर में 200 से ज्यादा व्यक्तिग एकत्र नहीं होने चाहिएं। उन्होंने कहा कि अच्छा होगा कि यदि इस तरह के कार्यक्रम रात्रि के बजाय दिन में करें। इस प्रकार सभी सावधानियों का पालन कर पाएंगे और अपने आपको बचा पाएंगे।

उन्होंने कहा कि पहली से बारहवीं तक सभी स्कूलों को 30 अप्रैल तक बंद कर दिया गया है और न केवल स्कूल बंद किए हैं बल्कि इसी सप्ताह दसवीं की परीक्षाएं भी रद्द कर दी गई हैं। उनका मूल्यांकन अलग प्रकार से किया जाएगा। जहां तक 12वीं की परीक्षा की बात है उनको स्थगित किया गया है और जैसे ही स्थिति ठीक होती है उसके बाद टाइम टेबल बनाकर परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने प्रदेशवासियों से कहा कि सभी सावधानियों का पालन करते हुए इस बीमारी से जूझना है, हमें हारना नहीं है, कोरोना को हराना है, यही संकल्प लेकर आगे बढ़ते रहें।

रमेश1955वार्ता

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