मेनचेस्टर, 28 जून (वार्ता) वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के कप्तान जेसन होल्डर ने कहा है कि डोपिंग और मैच फिक्सिंग की तरह नस्लवाद को भी क्रिकेट में अपराध घोषित किया जाना चाहिए।
वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के दिग्गज खिलाड़ी क्रिस गेल और डेरेन सैमी ने इस महीने के शुरू में कहा था कि उन्हें भी अपने करियर में नस्लभेद का सामना करना पड़ा था। दोनों खिलाड़ियों ने नस्लवाद के खिलाफ दुनिया भर में “ब्लैक लाइव्स मैटर” नाम से चल रहे अभियान को अपना समर्थन दिया है। दरअसल, अमेरिका के मिनेपॉलिस शहर में अश्वेत अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लाॅयड की 25 मई को पुलिस हिरासत में मौत के बाद से ही दुनियाभर में नस्लवाद के खिलाफ आवाजें उठ रही हैं।
होल्डर ने बीबीसी स्पोर्ट्स से बात करते हुए कहा, “ मुझे लगता है कि डोपिंग अथवा मैच फिक्सिंग के लिए जैसी सजा होती है वैसी ही सजा नस्लवाद जैसे अपराधों के लिए होनी चाहिए। यदि हमारे खेल में कुछ मुद्दे हैं तो हमें उनका निपटारा समानता के साथ करना चाहिए।”
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के नस्लवाद-रोधी कानून के मुताबिक नस्लवाद के मामले में तीसरी बार दोषी पाए जाने पर किसी भी खिलाड़ी पर आजीवन प्रतिबंध लगाया जा सकता है।आईसीसी के कानून के मुताबिक पहली बार नस्लवाद का दोषी पाए जाने पर किसी खिलाड़ी पर चार टेस्ट अथवा आठ वनडे मैचों का प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
विंडीज टीम के दिग्गज ऑलराउंडर होल्डर ने कहा, “किसी भी सीरीज की शुरुआत करने से पहले खिलाड़ियों को डोपिंग और मैच फिक्सिंग के अलावा नस्लवाद के बारे में भी बताया जाना चाहिए। मेरा संदेश है कि हमें लोगों को इसके बारे में अधिक शिक्षित और जागरुक करने की जरुरत है।”
होल्डर ने कहा, “मैंने कभी नस्लभेद का सामना नहीं किया है लेकिन इसके बारे में कई खिलाड़ियों से उनके अनुभवों के बारे में सुना है। नस्लवाद का आप किसी भी रूप में कभी समर्थन नहीं कर सकते।”
गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका के ऑलराउंडर एंडिले फेहलुकवायो पर नस्लभेदी टिप्पणी करने के आरोप में पाकिस्तान के तत्कालीन कप्तान सरफराज अहमद पर चार मैचों का प्रतिबंध लगाया गया था। वेस्टइंडीज के खिलाफ आठ जुलाई से शुरू हो रही तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के दौरान इंग्लैंड की टीम संयुक्त रूप से मेहमान टीम के साथ नस्लवाद के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन आयोजित कर सकती है।
रवि राज
वार्ता