नयी दिल्ली, 19 सितम्बर (वार्ता) कांग्रेस ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे में मोदी सरकार को घेरते हुए बुधवार को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) का रुख कर इस मामले की व्यापक जांच करने का आग्रह किया।
कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल ने यहां कैग कार्यालय में कैग को आठ पन्नों का एक ज्ञापन सौंपा। इसके साथ ही प्रतिनिधिमंडल ने राफेल सौदे से संबंधित दस्तावेज कैग को दिए और कहा कि इस सौदे में बड़े स्तर पर गड़बडी हुई है इसलिए इसकी व्यापक स्तर पर जांच जरूरी है।
कैग को ज्ञापन सौंपने वाले कांग्रेस नेताओं में वरिष्ठ नेता गुलामनबी आजाद, मोतीलाल वोरा, अशोक गहलोत, अहमद पटेल, जयराम रमेश, रणदीपसिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक, आनंद शर्मा तथा राजीव शुक्ला शामिल थे। ज्ञापन देने के बाद पार्टी नेता आनंद शर्मा ने कहा “हमने राफेल सौदे को लेकर जो विवरण कैग को सौंपे हैं उनसे साफ है कि सौदे में गड़बड़ी की गयी है। हमें उम्मीद है कि कैग इस मामले को बारीकी से देखेगा।”
पार्टी के संचार विभाग के प्रमुख रणदीपसिंह सुरजेवाला ने मंगलवार को कहा था कि पार्टी इस मुद्दे को लेकर कैग तथा केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के पास ले जाएगी और इसकी व्यापक जांच का आग्रह करेगी।
कांग्रेस का आरोप है कि राफेल सौदे में मोदी सरकार ने 59000 करोड रुपए का भ्रष्टाचार किया है और 126 विमानों की जगह मात्र 36 राफेल विमानों का सौदा किया है। उसका यह भी आरोप है कि मोदी सरकार ने पूर्व की कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार के साथ हुए समझौते से ज्यादा कीमत पर राफेल सौदा तय किया है।
पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर तथ्यों को दबाने और राफेल विमानों की कीमत का खुलासा नहीं करने का आरोप लगाया।