नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (वार्ता) कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान में लोकसेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच से पहले राज्य सरकार की अनिवार्य अनुमति लेने से संबंधित अध्यादेश की तीखी आलोचना करते हुए आज कहा कि यह 2017 है, न कि 1817। श्री गांधी ने संबंधित खबर का एक लिंक शेयर करते हुए ट्वीट कर लिखा है, “मैडम मुख्यमंत्री, पूरी विनम्रता के साथ कहना चाहता हूं कि हम लोग 21 वीं शताब्दी में हैं। यह साल 2017 है, न कि 1817।” राजस्थान सरकार द्वारा जारी इस अध्यादेश के बाद राज्य में काम कर रहे अधिकारी किसी भी संभावित कार्रवाई से मुक्त हो जायेंगे और इनके खिलाफ बिना सरकार की अनुमति लिए कोई अदालती या पुलिस कार्रवाई नहीं की जा सकेगी। गत सात सिंतबर को जारी द क्रिमिनल लॉ (राजस्थान अमेंडमेंट) ऑर्डिनेंस 2017 में मीडिया को भी ऐसे किसी आरोप की रिपोर्टिंग की इजाजत नहीं होगी जब तक कि संबंधित मामले में जांच के लिए सरकार की मंजूरी नहीं दे दी जाती है। अध्यादेश में अधिकारियों को छह महीनों के लिए छूठ दी गई है। इसमें कहा गया है, “कोई भी मजिस्ट्रेट किसी भी सेवानिवृत्त या कामकाजी जज या मजिस्ट्रेट के खिलाफ जांच का आदेश नहीं देगा।” अध्यादेश के जरिये दंड विधान संहिता 1973 को संशोधित किया जायेगा और इसके साथ ही नौकरशाहों से जुड़े किसी भी मामले, उनका नाम, पता, फोटो या पारिवारिक जानकारी छापने की अनुमित नहीं होगी। इन नियमों का उल्लंघन करने वाले को दो साल की सजा दिये जाने का प्रावधान रखा गया है। सुरेश जितेन्द्र वार्ता