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राजस्थान में भी रेल रोको आंदोलन का असर रहा

राजस्थान में भी रेल रोको आंदोलन का असर रहा

जयपुर 18 अक्टूबर (वार्ता) लखीमपुर खीरी में हुई किसानों की हत्या के मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र को बर्खास्त कर गिरफ्तार करने की मांग को लेकर आज आयोजित रेल रोको आंदोलन का असर राजस्थान में भी देखने को मिला।

प्रदेश के कई जिलों में किसानों ने रेलवे ट्रैक पर कब्जा जमा लिया। उत्तर पश्चिम रेलवे (एनडब्लूआर) ने प्रदेश से गुजरने वाली 18 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। वहीं 10 ट्रेन को आंशिक रद्द किया गया है। रेल रोको आंदोलन से जोधपुर, बीकानेर, हनुमानगढ़, गंगानगर, चूरू के रूट सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। जयपुर के फुलेरा रूट पर चलने फुलेरा-रेवाड़ी ट्रेन भी रद्द कर दी गई।

अजमेर जिले में रेल रोको आंदोलन के चलते इंटरसिटी एक्सप्रेस और भुज-बरेली एक्सप्रेस को अलवर रेलवे स्टेशन पर एहतियात के तौर पर रोक लिया गया। ये दोनों रेल अजमेर नहीं पहुंच सकीं। किसान आंदोलन के कारण उत्तर-पश्चिम रेलवे पर भिवानी-रेवाड़ी, सिरसा-रेवाड़ी, लोहारू-हिसार, सूरतगढ़-बठिंडा, सिरसा-बठिंडा हनुमानगढ़-बठिंडा, रोहतक-भिवानी, रेवाड़ी-सादुलपुर, हिसार-बठिंडा, हनुमानगढ़-सादुलपुर तथा श्रीगंगानगर- रेवाड़ी रेलखंडों के बीच रेल यातायात प्रभावित हुआ है।

जयपुर में प्रदर्शनकारी रेल रोकने में नाकाम रहे। यहां जयपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे प्रदर्शनकारियों को सीआरपीएफ के जवानों और पुलिस ने रेलवे स्टेशन के अंदर ही घुसने नहीं दिया। शहर के ही गांधी नगर रेलवे स्टेशन, दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन, कनकपुरा स्टेशन, जगतपुरा और अन्य प्रमुख जगहों पर जीआरपी, आरपीएफ और स्थानीय पुलिस का जाब्ता तैनात कर दिया गया। इससे प्रदर्शनकारी जयपुर जिले में रेल रोकने में नाकाम रहे। इन्होंने जयपुर रेलवे स्टेशन के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया।

किसान नेताओं ने हनुमानगढ़ में रेल रुकवाई। पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार किसान नेता सुबह ही रेलवे स्टेशन के पास जुटने लगे। इसके बाद किसान नेताओं ने सुबह करीब 10 बजे अबोहर-बठिंडा पैसेंजर के सामने ट्रैक पर बैठ गए। श्रीगंगानगर जिले में भी किसानों ने रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन किया। इससे पंजाब से राजस्थान आने वाली ट्रेनों पर असर पड़ा। सवाई माधोपुर जंक्शन रेलवे ब्रिज के नीचे ट्रैक पर विभिन्न किसान संगठनों ने डेरा डाले रखा। यहां सुबह करीब 11.30 बजे बड़ी संख्या किसान रेलवे ट्रैक पर नारेबाजी करते हुए एकत्रित हुए और विरोध-प्रदर्शन किया। रेलवे ट्रैक पर जमा होकर किसानों ने लोक गीत गाकर नाचते हुए प्रदर्शन किया।

बारां जिले में भी संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर अखिल भारतीय किसान सभा एवं भारतीय किसान यूनियन के 14-15 कार्यकर्ता रेल की पटरी पर बैठ गए।

पारीक रामसिंह

वार्ता

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