मथुरा 08 जून (वार्ता) भगवान कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा एवं लीलास्थली वृंदावन के बीच भारतीय रेलवे ने एक मास ट्रांज़िट सिस्टम के विकास का काम शुरू कर दिया है जिसमें दोनों स्थानों को जोड़ने के लिए 12 किलोमीटर लंबी रेललाइन और दो से तीन लेन की सड़क बनायी जाएगी तथा पार्किंग जोन, होटल, फ्ली मार्केट और ईटरीज जैसे व्यावसायिक प्रतिष्ठान विकसित किये जाएंगे।
रेल मंत्रालय के उपक्रम रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) ने हाल ही में मथुरा और वृंदावन के बीच मास ट्रांजिट सिस्टम के विकास और वित्तीय व्यवहार्यता पर प्री-फिजिबिलिटी अध्ययन करने के लिए एक निजी सलाह कंपनी फीडबैक इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड को अनुबंधित किया है।
प्री-फिजिबिलिटी अध्ययन में मथुरा और वृंदावन के बीच लगभग 12 किमी मीटरगेज रेललाइन में मास ट्रांजिट सिस्टम को विकसित किये जाने तथा उसकी वित्तीय व्यवहार्यता का आकलन किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, इस रेलवे ट्रैक का व्यापक रूप से उपयोग नहीं किया गया है और इसका राइट ऑफ वे 20-22 मीटर का है। प्री-फिजिबिलिटी अध्ययन मथुरा और वृंदावन ट्रैक के बीच उपलब्ध भूमि बैंकों की पहचान और परिचालन संपत्तियों की वित्तीय क्षमता के दोहन के आकलन तक सीमित नहीं है।
फीडबैक इंफ्रा को यातायात विश्लेषण, परिवहन समाधान की सिफारिश, परियोजना से होने वाली संभावित आमदनी तथा परियोजना के वित्तीय एवं आर्थिक रिटर्न का आकलन करने के लिए एक विस्तृत अध्ययन करना होगा।
प्री-फिजिबिलिटी अध्ययन के पूरा होने की अवधि 40 दिन है। प्रस्तावित मास ट्रांजिट परियोजना में 2/3 लेन की सड़क के साथ-साथ एक ब्रिज्ड मेट्रो/लाइट रेल/बस ट्रांजिट सिस्टम शामिल होगा जो बड़ी संख्या में यात्रियों की आवाजाही को संभाल सके। इस विकास को क्षेत्र में उपयुक्त पार्किंग जोन और होटल, फ्ली मार्केट और ईटरीज जैसे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के साथ जोड़ा जाएगा।
रेल भूमि विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष वेद प्रकाश डुडेजा ने कहा, “वृंदावन एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है और हर साल यहाँ बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पहुँचते हैं। प्रस्तावित परिवहन समाधान वाणिज्यिक विकास की शुरुआत, रोजगार के अवसरों की उत्पत्ति और क्षेत्र की पर्यटन क्षमता को बढ़ाने में सहायक होगा। अच्छी कनेक्टिविटी के साथ यह स्थान वाणिज्यिक निवेशकों को निवेश पर अच्छा रिटर्न प्रदान करेगा।”
उत्तर प्रदेश के मथुरा से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित वृंदावन हिंदुओं का पवित्र तीर्थ है क्योंकि इसे भगवान कृष्ण की लीलास्थली माना जाता है और मथुरा में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। दोनों शहरों में राधा-कृष्ण के कई भव्य मदिर हैं।
सचिन अजीत
वार्ता