भारतPosted at: Feb 4 2021 7:16PM डीएफसी के मौद्रीकरण से पैसा जुटाएगी रेलवे
नयी दिल्ली 04 फरवरी (वार्ता) रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि सरकार की भारतीय रेलवे के निर्माणाधीन समर्पित मालवहन गलियारों (डीएफसी) के मौद्रीकरण करने और वह इसके माध्यम से बाजार से पैसा जुटा कर जनता के लिए अधिक से अधिक रेल सुविधाएं जुटाने की योजना है।
श्री गोयल ने आम बजट के बाद रेलवे के बजटीय प्रावधानों पर चर्चा करते हुए यहां एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि भारतीय रेल कई प्रकार से यात्री एवं अन्य ग्राहकों के लिए सुविधाएं जुटाने का प्रयास कर रही है। रेलवे के पास कई मदों में मौद्रीकरण की संभावनाएं हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि दिल्ली और मुंबई के रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए सरकार के पास 5000 - 6000 कराेड़ रुपए नहीं है। रेलवे अपने बूते अनेक वर्षों तक खर्च करके भी उन्हें वैसा नहीं बना सकती। लेकिन क्राॅस सब्सिडी के माॅडल पर रेलवे नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन परिसर का एक संपूर्ण एवं एकीकृत परिवहन हब के रूप में विकास किया जाएगा जहां हर प्रकार के परिवहन की सुविधा होगी। इस मॉडल में रेलवे अपनी जमीन या संपत्ति किसी को नहीं देगी बल्कि लाइसेंस देकर उन्हें संपत्ति के उपयोग की अनुमति दी जाएगी। संपत्ति रेलवे की ही रहेगी।
उन्होंने कहा कि इससे उस क्षेत्र का कायाकल्प हो जाएगा। इस क्षेत्र बड़े टॉवर बना कर उससे अर्जित पैसे से स्टेशन का विकास किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका यह मतलब नहीं है कि स्टेशन दे दिया जाएगा। बल्कि लाइसेंस से क्रॉस सब्सिडी के माध्यम से कमाई होगी, उससे स्टेशन एवं यातायात सुविधाओं में सुधार किया जाएगा।
रेल मंत्री ने कहा कि इसी प्रकार से समर्पित मालवहन गलियारा (डीएफसी) रेलवे से अलग जिसे जापान एवं विश्वबैंक के वित्तपोषण से बनाया जा रहा है। इसे रेल मंत्रालय का एक अलग उपक्रम बना रहा है। यदि यह रेलवे का हिस्सा हो तो ऋण का बोझ रेलवे पर आता। यदि आगे चल कर इसका मौद्रीकरण किया जाता है तो रेलवे पर वित्तीय भार नहीं पड़ेगा और ऋण का बोझ कोई और ले लेगा। उन्होंने कहा कि इससे प्राप्त पैसे से रेलवे के यात्री नेटवर्क एवं जनता की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए संसाधन उपलब्ध हाेंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी सोमवार को लोकसभा में अपने बजट भाषण में कहा था कि पूर्वी एवं पश्चिमी डीएफसी के पूर्ण होने और चालू हाेने के बाद परिचालन एवं रखरखाव के लिए उनका मौद्रीकरण किया जाएगा। रेलवे के शीर्ष अधिकारियों के अनुसार इस बारे में एक याेजना नीति आयोग के साथ मिल कर तैयार की जा रही है। डीएफसी के मौद्रीकरण की रूपरेखा को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। हालांकि उन्होंने कहा कि सरकार काे डीएफसी के मौद्रीकरण से “मोटा पैसा” मिलने की उम्मीद है जिससे अन्य डीएफसी बनाने एवं अन्य परियोजनाओं पर अमल करने के लिए संसाधन मिल सकेंगे।
उन्हाेंने कहा, “पूरी चीज की योजना इस प्रकार से बनायी जा रही है जिससे जनता की सेवा अधिक से अधिक हो सके। रेलवे राष्ट्र की धरोहर है और जनता की संपत्ति है। वह सदैव भारत का गौरव और जनता की शान रहेगी।”
सचिन अभिनव
वार्ता