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निचली अदालतों में रौनक लौटी, सीधी बहस शुरू

निचली अदालतों में रौनक लौटी, सीधी बहस शुरू

पटना 04 जून (वार्ता) बिहार में पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर गुरुवार से पटना व्यवहार न्यायालय में वर्चुअल कोर्ट के साथ ही न्यायाधीशों के समक्ष वकीलों के उपस्थित होकर बहस शुरू होने से एक एक बार फिर से अदालत परिसर में रौनक लौट आई।

निचली अदालतों में छह न्यायाधीशों ने अपने न्यायालय कक्ष में बैठकर वकीलों की बहस सुनी। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया और न्यायालय कक्ष में केवल वही वकील उपस्थित रहे, जिनकी सुनवाई होनी है। मुख्य न्यायालय परिसर में भी प्रवेश की अनुमति सिर्फ उन्हीं वकीलों की थी जिनके मामले सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थे। न्यायालय के बाहरी परिसर और वकालतखाना में भी सिर्फ वकीलों को ही जाने की इजाजत थी, जिन्हें मुख्य द्वार थर्मल स्क्रीनिंग के बाद प्रवेश दिया गया।

फिजिकल सुनवाई का पहला दिन होने के कारण गुरुवार को वकीलों के बीच कुछ असमंजस की स्थिति बनी रही। सुबह साढ़े सात बजे से दस बजे तक न्यायालय में सुनवाई हुई और उसके बाद ग्यारह बजे से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की गई।

इस बीच जिला अधिवक्ता संघ, पटना के महासचिव राजेश कुमार सिन्हा एवं अन्य पदाधिकारियों ने जिला जज से मुलाकात की और उनके आश्वासन पर यह लिखित सूचना जारी की कि अब मुकदमों की मैनुअल फाइलिंग भी होगी और नकलखाना से आदेशों एवं अभिलेखों की सत्यापित प्रति भी पूर्व की भांति नियमित रूप से जारी की जाएगी।

दूसरी ओर, युवा अधिवक्ता कल्याण समिति एवं अधिवक्ताओं के एक अन्य प्रतिनिधिमंडल ने भी जिला जज से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्रणाली में कुछ सुधार का सुझाव पेश किया। साथ ही अपने अधिवक्ता लिपिकों को न्यायालय के बाहरी परिसर और वकालतखाना में प्रवेश की अनुमति मांगी। इन सबके बीच किसी भी पक्षकार को न्यायालय के बाहरी परिसर और वकालतखाना में भी प्रवेश की अनुमति नहीं थी।

सं सूरज शिवा

वार्ता

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