राज्य » राजस्थानPosted at: Aug 5 2019 10:58PM राजस्थान हिंसा से संरक्षण विधेयक, 2019 ध्वनिमत से पारित
जयपुर, 05 अगस्त (वार्ता) राजस्थान विधानसभा में सोमवार को राजस्थान हिंसा से संरक्षण विधेयक, 2019 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
संसदीय कार्यमंत्री शांति कुमार धारीवाल ने मुख्यमंत्री की ओर से सदन में विधेयक प्रस्तुत किया। उन्होंने विधेयक को सदन में लाने के कारणों एवं उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए बताया कि भारत का संविधान समस्त व्यक्तियों को प्राण और दैहिक स्वतंत्रता और विधियों के समान संरक्षण के अधिकार प्रदान करता है। हाल ही में ऎसी कई घटनाएं हुई हैं जिससे भीड़ की हिंसा में व्यक्तियों की जान गई है। उन्होंने कहा कि देश में 2014 के पश्चात् भीड़ की हिंसा के सौ से ज्यादा मामले सामने आए हैं, उनमें से 86 फीसदी राजस्थान के हैं। सबसे शांत माने जाने वाले राजस्थान की पहचान देश में ‘मॉब लिंचिंग स्टेट’ के रूप में होने लगी थी।
उन्होंने कहा कि राज्य में ऎसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए प्रभावी एवं कठोर कानून बनाया जा रहा है। भारतीय दंड संहिता के तहत हर अपराध की सजा का प्रावधान है, लेकिन वह सामान्य कानून है। भीड़ की हिंसा जैसे गंभीर अपराधों को रोकने के लिए यह विशेष कानून बनाया जा रहा है।