नयी दिल्ली, 01 दिसम्बर (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने गुजरात के राजकोट में कोविड अस्पताल में आग लगने की घटना को लेकर राज्य सरकार को मंगलवार को कड़ी फटकार लगायी।
न्यायमूर्ति अशोक भूूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की खंडपीठ ने राज्य सरकार के जवाब से नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार तथ्यों को दबा नहीं सकती। उसे सही अंदाज में सामने रखना ही होगा।
न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई के लिए गुरुवार की तारीख मुकर्रर की है।
गौरतलब है कि गत 27 नवंबर को गुजरात के राजकोट में कोविड-19 अस्पताल में आग लगने से पांच मरीजों की मौत हो गयी थी, जिसका न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लिया था।
केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने खंडपीठ के समक्ष दलील दी कि केंद्र ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत दिशानिर्देश जारी किए थे और एक शपथपत्र पिछले दिनों दायर किया गया था। हालांकि, पीठ ने कहा कि उसे अभी तक शपथ पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।
इस बीच न्यायमूर्ति शाह ने गुजरात सरकार को फटकार लगाते हुए कहा, “हमने आपका जवाबी हलफनामा देखा है। आपका रुख आपके मुख्य विद्युत अभियंता के विपरीत है। आपके जवाब के अनुसार, सब कुछ अच्छा है।”
सुरेश, रवि
वार्ता