राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Mar 24 2020 7:06PM अयोध्या में रामलला को कल अस्थायी मंदिर में शिफ्ट किया जायेगा
अयोध्या, 24 मार्च (वार्ता) मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में कल श्रीरामजन्मभूमि परिसर में विराजमान रामलला को अस्थायी मंदिर में शिफ्ट किया जायेगा।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अयोध्या में भी करोना वायरस के चलते लॉक डाउन की घोषणा करने के बाद श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला को उनके अस्थायी मंदिर में शिफ्ट करने के लिये पूजा-पाठ चालू हो गया है। उन्होंने बताया कि आज सुबह सात बजे से ही पन्द्रह वैदिक विद्वान रामलला के गर्भगृह में पूजा-अनुष्ठान शुरू कर दिया हैं जो रात्रि ग्यारह बजे तक चलेगा।
उन्होंने बताया कि इसके बाद पच्चीस मार्च को रात दो बजे रामलला को जगाया जायेगा और उनका पूजन-पाठ होगा। उन्होंने बताया कि रास्ते का शुद्धीकरण होने के बाद भोर में ब्रह्म मुहूर्त में रामलला को अपने नये मंदिर में विराजमान किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि नवरात्र के प्रथम दिन रामलला अपने नये मंदिर में नये आसन पर विराजमान होंगे। चांदी के सिंहासन पर भगवान राम अपने चारों भाईयों के साथ बाल स्वरूप दर्शन देंगे। यह सिंहासन अयोध्या के राजपरिवार द्वारा रामलला को भेंट किया गया है जिसकी लम्बाई पच्चीस इंच, चौड़ाई पन्द्रह इंच और ऊंचाई चौबीस इंच है। हालांकि ट्रस्ट के पदाधिकारी इस कार्यक्रम को बहुत भव्य तरीके से करने को इच्छुक थे परन्तु देश में व्याप्त करोना वायरस के अलर्ट के चलते अब यह कार्यक्रम सीमित कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्यक्रम भी रामलला को शिफ्ट करते समय उनकी मौजूदगी में होना था परन्तु अभी उसकी पुष्टि प्रशासन ने नहीं की है। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य ने बताया कि सुबह चार बजे रामलला अपना टेंट का मंदिर छोड़कर अस्थायी मंदिर में विराजमान होंगे। रामलला का दर्शन नये अस्थायी मंदिर में कल सुबह चार बजे से शुरू होगा।
उल्लेखनीय है कि श्रीरामजन्मभूमि फैसले के बाद राम मंदिर निर्माण के लिये एक कदम आगे बढ़ते हुए ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने रामलला के मंदिर निर्माण को अस्थायी रूप से करने की कवायद शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि आज से ही रामलला के गर्भगृह में पूजन होने लगा है जिसमें प्रयागराज, मथुरा, काशी और अयोध्या के वैदिक विद्वान वहां पूजन कर रहे हैं।
सं तेज
वार्ता