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लोकरुचि


मुंगेर में दुर्लभ जलीय जीव डाल्फिन दृष्टि केन्द्र का निर्माण शुरु

मुंगेर 17 दिसम्बर (वार्ता) बिहार में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुंगेर स्थित पर्यावरण एवं वन विभाग ने 60 लाख रुपये की लागत पर यहां के सोझी घाट के किनारे गंगा नदी में दुर्लभ जलीय जीव ‘डाल्फिन दृष्टि केन्द्र‘ का निर्माण शुरू कर दिया है । मुंगेर के वन प्रमंडल पदाधिकारी नीरज नारायण ने आज यहां बताया कि यह केन्द्र आगामी 6 माह में बन कर तैयार हो जायेगा । उन्होंने बताया कि दुर्लभ जलीय जीव डाल्फिन ‘ राष्ट्रीय जलीय जीव ‘ घोषित हैं और यह वन्य प्राणी संरक्षण कानून के अन्तर्गत संरक्षित जीवों में शामिल है। श्री नारायण ने बताया कि दूरबीन से लैश डाल्फिन-खोजी दल गंगा नदी में डाल्फ्नि को खोजने का काम करेंगे और पर्यटकों को गंगा नदी में विशेष वोट से उस स्थल पर ले जायेंगे जहां डाल्फिन अपना करतब करते मिलेंगी। जल-जीव ‘ डाल्फिन‘ अंधी होती है ,लेकिन इको-लोकेशन की मदद से वह अपना रास्ता ढूंढ़ती है और अपना शिकार भी पकड़ती है।


वन प्रमंडल पदाधिकारी ने बताया कि पूरे देश में गंगा नदी में लगभग 2000 मात्र डाल्फिन हैं जबकि बिहार के लखीसराय और मुंगेर जिलों से होकर डाउन स्ट्रीम में 98 किलोमीटर गंगा के प्रवाह में करीब 700 डाल्फिन हैं । उन्होंने कहा कि डाल्फिन दृष्टि केन्द्र के चालू होने से इको- टूरिज्म की मुंगेर में अपार संभावनाएं हैं । श्री नारायण ने बताया कि गैंगेटिक डाल्फिन साइटिंग सेन्टर में इको-पर्यटक के लिए आराम-गृह, शौचालय और स्नानागार का निर्माण किया जा रहा है । साथ ही इस केन्द्र पर रात्रि में नौका-विहार और सुबह-शाम सैर करने की बेहतर व्यवस्था की जा रही है । रात्रि में गंगा किनारे के स्थल पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था होगी । वन प्रमंडल पदाधिकारी ने बताया कि इस केन्द्र पर पर्यटन के लिए आए स्कूल और कालेज के छात्र-छात्राओं के ज्ञानवर्द्धन के लिए एक विशाल सूचना पट्ट लगाया जायेगा जिसमें जल-जीवों के नाम और पर्यावरण संतुलन में जल-जीवों के महत्व की पूरी जानकारी मोटे-मोटे अक्षरों में लिखे होंगे । इस जानकारी से छात्र अपने जीवन में पर्यावरण के महत्व को समझ सकेंगे और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पहल कर सकेंगे । सं.उमेश.शिवा वार्ता

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