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रावत के आरोप कांग्रेस के पंजाब में बुरे दिन आने का संकेत: अमरिंदर

रावत के आरोप कांग्रेस के पंजाब में बुरे दिन आने का संकेत: अमरिंदर

चंडीगढ़, एक अक्तूबर(वार्ता) पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि कांग्रेस के प्रदेश मामलों के प्रभारी हरीश रावत के उन पर लगाये गये आरोप इस बात का संकेत हैं कि राज्य में कांग्रेस के अब बुरे दिन आ चुके हैं।

कैप्टन सिंह ने आज यहां जारी एक बयान में यह बात कही। उन्होंने कहा “मुख्यमंत्री से हटने के तीन हफ्ते पहले उन्होंने

श्रीमती सोनिया गांधी के समक्ष इस्तीफा देने का प्रस्ताव रखा था लेकिन उन्होंने मुझसे कहा कि आप ही मुख्य मंत्री रहें“। उन्होंने कहा जिस प्रकार उन्हें हटाया गया वह अपमानजनक था। उन्हें हटाने के लिए बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक से कुछ घंटे पहले उन्हें मजबूर किया गया कि वह इस्तीफा दे दें। उन्होंने कहा “सारी दुनिया ने देखा कि उन्हें किस प्रकार अपमानित किया गया इसके बावजूद रावत सच्चाई से उलट बात कर रहे हैं। अगर यह अपमान नहीं है तो और अपमान क्या होता है? श्री रावत को कुछ कहने के पहले मेरी जगह पर खुद को रखना चाहिए तब उन्हें समझ आएगा कि सब कुछ कितना अपमानजनक था“।

पूर्व मुख्यमंत्री ने याद दिलाया श्री रावत ने उनसे मुलाकात के बाद सार्वजनिक रूप से कहा था कि वर्ष 2017 के चुनावों के समय जो वादे किए गए थे उन्हें पूरा किए जाने के मामले में वह उनकी सरकार की कार्यप्रणाली से संतुष्ट हैं। उन्होंने गत एक सितम्बर को यह भी कहा था कि अगला विधानसभा चुनाव उनके(कैप्टन) के नेतृत्च में ही लड़ा जाएगा और

हाई कमान का उन्हें हटाने का कोई इरादा नहीं है। “अब श्री रावत यह कैसे कह सकते हैं कि पार्टी हाईकमान उनके काम से संतुष्ट नहीं था। अगर रावत की बात को सही भी मान लिया जाए तो मैं जानना चाहूंगा कि उन्हें इस विषय में अब तक अंधेरे में क्यों रखा गया?“

कैप्टन ने सवाल किया कि नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी में मनमानी करने की छूट क्यों मिली हुई है? उनका कहना था, ‘‘ऐसा कौन सा दबाव है जिसके कारण पार्टी हाईकमान उसके सामने लाचार है और उसे कांग्रेस के भविष्य के साथ खिलावाड़ करने की छूट दी जा रही है?“ उन्होंने रावत के इस आरोप को पूरी तरह से गलत बताया कि चन्नी के

शपथ-ग्रहण के बाद उन्होंने चन्नी से मिलने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा कि जिस दिन श्री चन्नी का शपथ-ग्रहण समारोह था उस दिन चन्नी ने उन्हें फोन करके बताया था कि वह उनसे मिलने आएँगे लेकिन वह नहीं आए।

कैप्टन सिंह ने कहा कि वह दो बार मुख्यमन्त्री रहे और तीन बार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। उन्होंने पंजाब के प्रभारी रहे प्रणब मुखर्जी, मोती लाल वोरा, मोहसिना किदवई, मीरा कुमार और शकील अहमद जैसे बड़े नेताओं के साथ काम किया लेकिन किसी के साथ एक बार भी कोई परेशानी नहीं हुई। उनका कहना था कि उन्हें श्री रावत का स्वभाव और काम करने का तरीका कभी समझ नहीं आया।

उन्होंने श्री रावत की इस बात को कोरी बकवास बताया कि वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद अपमान वाली थ्योरी का प्रचार कर रहे हैं। उनका कहना था कि जिस दिन उन्होंने इस्तीफा दिया उसी दिन कहा था कि कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें तीन बार अपमानित किया है। विधायक दल का नेता होने के बावजूद उन्हें दरकिनार कर दो बार दिल्ली

और तीसरी और आखिरी बार चंडीगढ़ में विधायक दल की बैठक बुलाई गई।

चुनावी वादे पूरा करने को लेकर उन्होंने कहा कि श्री रावत झूठ बोल रहे हैं। कांग्रेस ने 2017 में जो चुनावी वादे किए थे उनमें से 90 फीसदी पूरे किए जा चुके हैं। उनका कहना था कि यह सारी रिकॉर्ड की बातें हैं जिन्हें बे सिर-पैर के बयानों से झुठलाया नहीं जा सकता।

रमेश2254वार्ता

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