बिजनेसPosted at: Feb 20 2018 9:01PM बैंकों में बढ़ते फर्जीवाड़ों की जाँच के लिए आरबीआई ने बनायी समिति
नयी दिल्ली 20 फरवरी (वार्ता) रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पीएनबी घोटाले के परिप्रेक्ष्य में बैंकों में बढ़ रहे फर्जीवाड़ों के कारणों की जाँच के लिए एक पाँच सदस्यीय समिति का गठन किया है।
केंद्रीय बैंक ने आज बताया कि आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल के पूर्व सदस्य वाई.एच. मालेगाम को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। निदेशक मंडल के मौजूदा सदस्य भरत दोसी, केनरा बैंक के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक तथा सेबी के पूर्व पूर्णकालिक सदस्य एस. रमन और रिजर्व बैंक इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नंद कुमार सर्वदे को समिति का सदस्य बनाया गया है। आरबीआई के कार्यकारी निदेशक ए.के. मिश्रा समिति के सदस्य सचिव होंगे।
समिति का काम इस बात की जाँच करना होगा कि बैंकों द्वारा परिसंपत्तियों के वर्गीकरण और प्रावधान में आरबीआई के आँकलन की तुलना में भारी अंतर क्यों होता है और इसे समाप्त करने के लिए किन उपायों की जरूरत है। वह इस बात की भी जाँच करेगी कि बैंकों में फर्जीवाड़े के मामले क्यों बढ़ रहे हैं तथा आईटी के इस्तेमाल समेत इसके लिए और क्या उपाय किये जा सकते हैं। वह बैंकों में होने वाले विभिन्न ऑडिटों की भूमिका और उसके प्रभाव की भी जांच करेगी।
केंद्रीय बैंक ने बताया कि पीएनबी घोटाले के मद्देनजर उसने आज एक बार फिर सभी अधिसूचित बैंकों को अंतर-बैंकिंग लेनदेन के बारे में उसके गोपनीय निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा है। उसने इसके लिए बैंकों को समय सीमा भी दी है। उसने बताया कि अगस्त 2016 से कम से कम तीन बार ये निर्देश लागू करने के लिए बैंकों से कहा गया था, लेकिन यह पाया गया है कि बैंकों द्वारा इन्हें पूरी तरह लागू नहीं किया गया है।
अजीत सुरेश टंडन
वार्ता