मुम्बई 04 फरवरी (वार्ता) बीते सप्ताह ढाई साल की सबसे गिरावट झेलने वाले वाले शेयर बाजार की चाल अगले सप्ताह रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा और कंपनियों के तिमाही परिणाम से तय होगी।
अगले सप्ताह छह- सात फरवरी को मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक होने वाली है और साथ ही भारतीय स्टेट बैंक, टाटा स्टील, ओएनजीसी,बैंक ऑफ बड़ौदा, भेल और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कई बड़ी कंपनियों के तिमाही परिणाम जारी किये जाने वाले हैं। विदेशी संस्थागत निवेशकों का रुझान, कच्चे तेल की कीमत और रुपये की चाल भी शेयर बाजार को प्रभावित करेंगे। बाजार पर अगले सप्ताह भी इक्विटी निवेश में एक लाख रुपये से अधिक के दीर्घावधि पूँजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत कर लागू करने तथा खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत से डेढ़ गुणा करने की घोषणा का असर हावी रहने की आशंका है।
निवेशक इस बात को लेकर आशंकित हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के संबंध में की गयी घोषणा से खुदरा कीमतों पर काफी प्रभाव पड़ेगा। खुदरा महंगाई दर पहले ही 17 माह के उच्चतम स्तर 5.21 प्रतिशत पर है। ऐसे में रिजर्व बैंक ब्याज दर के संबंध में आगामी 06 और 07 फरवरी को होने वाली नीतिगत समीक्षा बैठक में दर बढ़ाने पर भी विचार कर सकता है। रिजर्व बैंक ने खुदरा महंगाई दर के चार प्रतिशत रहने का लक्ष्य निर्धारित किया था।
बजट की घोषणाओं से मची अफरातफरी के बीच गत सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 983.69 अंक की साप्ताहिक गिरावट के साथ 35,066.75 अंक पर बंद हुआ। एनएसई का निफ्टी भी 309 अंक खोता हुआ सप्ताहांत पर 10,760.60 अंक पर बंद हुआ।
आलोच्य सप्ताह में दिग्गज कंपनियों से अधिक गिरावट छोटी और मंझोली कंपनियों में रही। बीएसई का मिडकैप 7.1 प्रतिशत यानी 1,266.49 अंक टूटकर 16,574.70 अंक पर और स्मॉलकैप 7.73 फीसदी यानी 1,494.65 अंक फिसलकर 17,847.53 अंक पर बंद हुआ।
अर्चना
जारी वार्ता