नयी दिल्ली,18 जनवरी (वार्ता) ऑनलाईन स्किल गेमिंग उद्योग की ओर से भारत सरकार के विशेषज्ञ मंडल नीति आयोग को कुछ सिफारिश की गई है जिसमें सम्पूर्ण स्किल गेमिंग उद्योग का नियमन करने तथा नियमों का प्रमाणिकरण करने के लिए एक नियामक की स्थापना करना शामिल है।
फैंटेसी स्पोर्ट की तरह भारत के स्किल गेमिंग उद्योग को भी विविध राज्यों के विविध कानूनों तथा नियमों से गुजरना पड़ता है। स्किल गेमिंग उद्योग को विनियमित करने की एक बड़ी न सही लेकिन सामान्य ज़रूरत है। नीति आयोग को दिए गए ‘गाईडलाईन प्रिन्सिपल्स फॉर यूनिफॉर्म नेशनल लेवल रेग्युलेशन ऑफ ऑनलाईन फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफार्म्स इन इंडिया’ नामक इस रिपोर्ट में नीति आयोग को फैंटेसी स्पोर्ट्स के लिए एक नियामक की स्थापना करने की सिफारिश की गयी है।
यहां जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार सम्पूर्ण गेमिंग उद्योग के लिए एक स्वनियंत्रित नियामक की जरूरत को रेखांकित करते हुए दि ऑनलाईन रमी फेडरेशन (देश के ऑनलाईन रमी उद्योग के लिए स्वनिंयंत्रित संस्था) के सीईओ समीर बर्डे ने कहा, “ केपीएमजी के आंकडों के अनुसार भारत में कुल ऑनलाईन स्किल गेमिंग उद्योग का आकार लगभग 5250 करोड़ रुपये का है।” विज्ञप्ति के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने भी यह मान लिया है कि कुशलता पर आधारित यह खेल कानूनी है और लाभ-मुनाफे के लिए खेलना संवैधानिक है।
एशियाई खेलों में ई स्पोर्ट्स का शामिल करने के बारे में अपनी राय देते हुए एमपीएल चे सीईओ साई श्रीनिवास ने कहा,“फैंटेसी स्पोर्ट्स कुशलता पर आधारित खेल है और उन खेलों को खेलते समय भी कैरम, पूल, शतरंज, शूटिंग आदि की तरह कुशलता की जरूरत पड़ती है तथा सम्पूर्ण ई स्पोर्ट उद्योग के सभी खेलों को खेलने के लिए कुशलता की जरूरत पड़ती है। खिलाड़ी एमपीएल की तर्ज पर ई स्टेडियम पर जाते है और मान्यता या पुरस्कार के लिए खेलते हैं।”
भारतीय गेमिंग क्षेत्र की आय में स्किल बेस्ड गेमिंग से दिए जाने वाले योगदान के बारे में पेटीएम फर्स्ट गेम्स के प्रवक्ता ने कहा, “भारत में 40 करोड़ गेमर्स है जो देश को वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग उद्योगों में से एक बनाता है। युवाओं की बढ़ती संख्या, इंटरनेट का बढ़ता प्रसार, कंटेंट की विविधता और गेमिंग मनोरंजन की चाहत के कारण भविष्य में यह उद्योग तेजी से बढ़ेगा। आज 1.2 बिलियन डॉलर के इस गेमिंग उद्योग में से 75 प्रतिशत आय ग्राहकों की ओर से कुशलता पर आधारित गेम्स से हो रही है, इसमें अगर नियामक आते है तो कुशलता पर आधारित गेम्स और मनोरंजन का नया स्तर निर्माण होने में सहयोग मिलेगा।”
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