राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Mar 17 2020 8:29PM निबंधन शुल्क घट कर हुआ एक फीसदी
लखनऊ 17 मार्च, (वार्ता) उत्तर प्रदेश में निबंधित दस्तावेजों पर दर्शाये जाने वाली कीमत पर निबंधन शुल्क दो फीसदी से घटा कर एक प्रतिशत कर दिया गया है।
स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने मंगलवार को यहां पत्रकारों को बताया कि निबंधित विलेखों पर उल्लिखित कीमत का 02 प्रतिशत एवं अधिकतम 20 हजार रूपये तक निबंधन शुल्क लिये जाने की व्यवस्था थी जबकि अब विलेखों पर उल्लिखित मूल्य का 01 फीसदी निबंधन शुल्क लिया जायेगा।
उन्होने दावा किया कि निबंधन शुल्क की यह व्यवस्था लागू करने से 60 से 70 फीसदी लोगों को राहत मिलेगी और साथ ही राजस्व में करीब 2000 करोड़ की वृद्धि होगी।
श्री जायसवाल ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में 15622.60 करोड़ रूपये के राजस्व की प्राप्ति हुई है। वर्तमान में प्रदेश भर में सभी धनराशि के ई-स्टाम्प जारी किये जा रहे हैं। ई-स्टाम्पिंग प्रणाली को जन जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से स्टाम्प वेंडरों को अधिकृत संग्रह केन्द्र (एसीसी) नियुक्त करने की अनुमति प्रदान की गयी है। इसके साथ ही एसबीआई के माध्यम से निबन्धन शुल्क आनलाइन जमा किये जाने की व्यवस्था भी लागू की गयी है।
मंत्री ने कहा कि लम्बित स्टाम्पवादों के त्वरित निस्तारण के लिये ‘एक मुश्त समाधान योजना‘ लागू की गई है। इस योजना के प्रभावी होने से लम्बित स्टाम्पवादों के निस्तारण एवं राजस्व आय में वृद्धि होगी। इस योजना के माध्यम से लम्बित स्टाम्पवादों का त्वरित निस्तारण होगा, स्टाम्पवादों के अन्तर्गत स्टाम्प कमी की राशि राज्य को प्राप्त होगी, जिसके फलस्वरूप राजस्व में अभिवृद्धि हो सकेगी।
समाधान योजना के अन्तर्गत पक्षकारों को मात्र 100 रूपये का टोकन अर्थदण्ड देना होगा और शेष अर्थदण्ड से मुक्ति होगी, जिससे पक्षकारों को आर्थिक राहत प्राप्त होगी और पक्षकारों को न्याय में विलम्ब के कारण बढ़ने वाली ब्याज की देयता से राहत प्राप्त हो सकेगी तथा स्टाम्पवादों की संख्या में कमी आयेगी।
प्रदीप
वार्ता