..जन्मदिन 10 अक्टूबर के अवसर पर..
मुंबई. 09 अक्टूबर (वार्ता) बॉलीवुड में रेखा को एक ऐसी अभिनेत्री के तौर पर शुमार किया जाता हैं जिन्होंने अभिनेत्रियों को फिल्मों में परंपरागत रूप से पेश किये जाने के तरीके को बदलकर अपने बिंदास अभिनय से दर्शकों के बीच अपनी खास पहचान बनायी।
मद्रास में 10 अक्तूबर 1954 को जन्मी रेखा (मूल नाम भानुरेखा गणेशन) को अभिनय की कला विरासत में मिली। उनके पिता जैमिनी गणेशन अभिनेता और मां पुष्पावली जानी मानी फिल्म अभिनेत्री थीं। घर में फिल्मी माहौल से रेखा का रूझान फिल्मों की ओर हो गया और वह भी अभिनेत्री बनने के ख्वाब देखने लगीं। रेखा ने अपने करियर की शुरूआत बाल कलाकार के रुप में 1966 में प्रदर्शित तेलुगु फिल्म “रंगुला रतनम” से की। अभिनेत्री के रूप में उन्होंने अपने कैरियर की शुरूआत कन्नड़ फिल्म “गोदाली सी.आई.डी 999” से की। फिल्म में उनके नायक की भूमिका सुपरस्टार डा.राजकुमार ने निभाई थी।
हिंदी फिल्मों में रेखा ने अनजाना फिल्म से अपने अभिनय की शुरूआत की। इस फिल्म में अभिनेता विश्वजीत के साथ उनका चुंबन दृश्य विवाद में पड़ गया जिसे देखते हुये फिल्म को सेंसरबोर्ड द्वारा स्वीकृत नहीं किया गया। अरसे बाद यह फिल्म दो शिकारी के नाम से प्रदर्शित हुयी। फिल्म टिकट खिड़की पर असफल साबित हुयी। बतौर अभिनेत्री के रुप में उनके सिने कैरियर की शुरूआत 1970 में प्रदर्शित फिल्म “सावन भादो” से हुई। फिल्म में उनके नायक की भूमिका नवीन निश्चल ने निभायी। यह फिल्म टिकट खिडकी पर सुपरहिट साबित हुयी और रेखा के अभिनय को भी सराहा गया।
वर्ष 1976 में प्रदर्शित फिल्म “दो अनजाने” उनके कैरियर की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुयी। सही मायनों में अभिनेत्री के रूप में उनकी यह पहली फिल्म थी। इस फिल्म में पहली बार उन्हें अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का मौका मिला। वर्ष 1978 में प्रदर्शित फिल्म “घर” रेखा के सिने कैरियर के लिये अहम फिल्म साबित हुयी। इस फिल्म में दमदार अभिनय के लिये वह पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्मफेयर पुरस्कार के लिये नामांकित की गयी। वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म “खूबसूरत” रेखा की एक और सुपरहिट फिल्म रही। ऋषिकेश मुखर्जी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में दमदार अभिनय के लिये वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित की गयी।
वर्ष 1981 में रेखा की एक और महत्वपूर्ण फिल्म “उमराव जान” प्रदर्शित हुयी। मिर्जा हादी रूसवा के मशहूर उर्दू उपन्यास “उमराव जान” पर आधारित इस फिल्म में उन्होंने उमराव जान का किरदार निभाया। इस किरदार को रेखा ने इतनी संजीदगी से निभाया कि सिने दर्शक आज भी उसे भूल नहीं पाये हैं। इस फिल्म के सदाबहार गीत आज भी दर्शकों और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
वर्ष 1981 में प्रदर्शित फिल्म “सिलसिला” रेखा की उल्लेखनीय फिल्मों में शामिल की जाती है। माना जाता है कि यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और रेखा के बीच रिश्ते को रूपहले पर्दे पर पेश किया गया। हालांकि फिल्म टिकट खिड़की पर अधिक कामयाब नही रही लेकिन दर्शकों का मानना है कि यह उनकी उत्कृष्ट फिल्मों में एक है।
वर्ष 1988 में प्रदर्शित फिल्म “खून भरी मांग” रेखा की सुपरहिट फिल्मों में शुमार की जाती है। राकेश रोशन के निर्देशन में बनी इस फिल्म में दमदार अभिनय के लिये रेखा सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित की गयीं।
नब्बे के दशक में रेखा ने फिल्मों में काम करना काफी हद तक कम कर दिया। वर्ष 1996 में प्रदर्शित फिल्म “खिलाड़ियों का खिलाड़ी” में उन्होंने गैंगस्टर माया का किरदार निभाकर दर्शकों की वाहवाही लूटी। फिल्म में दमदार अभिनय के लिये वह सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित की गयी।
रेखा ने कई फिल्मों में अपने बिंदास अभिनय से दर्शकों को रोमांचित किया है। इन फिल्मों में उत्सव, कामसूत्र और आस्था जैसी कई फिल्में शामिल हैं। 1970 के दशक की सर्वाधिक चर्चित और सफल फिल्मी जोड़ियों में अमिताभ बच्चन और रेखा का नाम आता है। वर्ष 2010 में उन्हें पदमश्री से अलंकृत किया गया। रेखा ने अपने चार दशक लंबे सिने कैरियर में लगभग 175 फिल्मों में अभिनय किया है।
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