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गैर आबादी भूमि से आबादी भूमि में परिवर्तन के मामलों का होगा शीघ्र निस्तारण

गैर आबादी भूमि से आबादी भूमि में परिवर्तन के मामलों का होगा शीघ्र निस्तारण

जयपुर, 08 जुलाई (वार्ता) राजस्थान के राजस्व राज्य मंत्री हरीश चौधरी ने कहा है कि प्रदेशभर में ग्रामीण क्षेत्र में गैर आबादी भूमि से आबादी भूमि में परिवर्तन के लिए प्राप्त प्रकरणों पर प्रावधानों एवं नियमों के तहत प्राथमिकता से तीन माह में फैसला कर लिया जाएगा।

श्री चौधरी ने आज विधानसभा में प्रश्नकाल में इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि कई गांवों में वंचित एवं गरीब परिवार गैर आबादी भूमि पर वर्षों से बसे हुए हैं एवं सरकार के पास ऎसी भूमि को आबादी भूमि में परिवर्तित करने के प्रकरण विचाराधीन हैं। इन पर सहानुभूति से विचार करते हुए प्रावधानों के दायरे में तीन माह में मामलों को निस्तारित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि ऎसी भूमि को गोचर भूमि से भरपाई कर अथवा किस प्रकार से आबादी भूमि में परिवर्तित कर ग्रामीणों को राहत पहुंचाई जाए, इस पर विचार किया जा रहा है। काफी लम्बे समय से ऎसे प्रकरणों के लम्बित रहने के बारे में उन्होंने कहा कि प्रावधानों के अनुसार पूर्ति होने पर अब सरकार के स्तर पर इसमें कोई विलम्ब नहीं होगा। रोहट तहसील या प्रदेश में किसी भी गांव में गैर आबादी से आबादी भूमि में परिवर्तन के सरकार को जितने प्रस्ताव मिले हैं उन पर विचार किया जाएगा।

इससे पहले विधायक ज्ञानचंद पारख के मूल प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रदेश में आवश्यकता होने पर गैर आबादी भूमि के आबादी भूमि में परिवर्तन का प्रावधान है, उन्होंने इसके प्रावधान एवं अधिकार की जानकारी को सदन के पटल पर रखा।

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