नयी दिल्ली 17 जुलाई (वार्ता) खुदरा व्यापारी संगठनों ने परचून तथा अन्य खुदरा दुकानों पर तंबाकू उत्पादों की बिक्री रोकने संबंधी स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी के विरोध में आज राष्ट्रीय राजधानी में बैठक की और चिंता जताई।
देश भर के 34 खुदरा व्यापारी संगठनों के महासंघ एफआरएआई ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय की यह एडवायइजरी उत्पादों के चयन के व्यापारियों के अधिकारों का हनन है। मंत्रालय ने पिछले साल सितंबर में राज्य सरकारों को सलाह दी थी कि तंबाकू उत्पाद सिर्फ स्थानीय निकायों द्वारा मान्यता प्राप्त दुकानों में ही बेचे जाने चाहिये, ऐसा सुनिश्चित किया जाये। साथ ही जिन दुकानों में बच्चों के गैर-तंबाकू उत्पाद जैसे टॉफी, कैन्डी, चिप्स, बिस्कूट, सॉफ्ट ड्रिंक आदि बेचे जाते हैं वहाँ भी तंबाकू उत्पाद बेचने पर रोक की बात कही गयी थी।
एफआरएआई ने दावा किया कि इस “बेतुके सलाह” को यदि लागू कर दिया गया तो छोटे खुदरा व्यापारियों की आमदनी 40 प्रतिशत घट जायेगी। उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 75 लाख छोटे खुदरा कारोबारियों के हितों की रक्षा की अपील की है। साथ ही उसने उन विदेशी गैर-सरकारी संगठनों के खिलाफ जाँच की भी माँग की है जिनके बारे में उसका कहना है कि उन्हीं की सलाह पर सरकार ने यह एडवायजरी जारी की है।
उसने कहा है कि इस एडवायइजरी के लागू होने की स्थिति में हफ्ता वसूलने वाले इंस्पेक्टरों का राज शुरू हो जायेगा। महासंघ के अध्यक्ष आसरे मिश्रा ने कहा “यह न सिर्फ मुक्त व्यापार एवं वाणिज्य पर प्रतिबंध है, बल्कि इससे हफ्ता वसूलने वाले इंस्पेक्टरों का राज दोबारा शुरू हो जायेगा और कारोबार करने की लागत बढ़ेगी।” उन्होंने कहा कि इससे वैधानिक रूप से खरीदे गये तंबाकू उत्पाद बेचने वाले दुकानदारों और रात के अंधेरे में अवैध तंबाकू उत्पाद बेचने वालों के बीच का अंतर समाप्त हो जायेगा।
अजीत अर्चना
वार्ता