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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी


चावल की खेती और गाय से हो रही मीथेन गैस में वृद्धि

चावल की खेती और गाय से हो रही मीथेन गैस में वृद्धि

पेरिस, 13 दिसंबर (रायटर) कृषि अौर अन्य स्रोतों से हाल के वर्षों में वैश्विक मीथेन गैसों के उत्सर्जन में लगातार वृद्धि दर्ज की गयी है जिससे जलवायु परिवर्तन को कम करने के प्रयासों को धक्का पहुंचा है। जलवायु और पर्यावरण के फ्रेंच विज्ञान प्रयोगशाला (एलएससीई) के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में एक रिपोर्ट जारी की गयी जिसमें कहा गया है कि वातावरण में मीथेन गैस की सांद्रता में वृद्धि वर्ष 2007 में प्रारंभ हुई जो वर्ष 2014 और 2015 में लगातार बढ़ रही है। पिछले दो साल की अवधि में वायु में मीथेन गैस की सांद्रता वर्ष 2000 की 0.5 पार्ट्स पर बिलियन (पीपीबी) की तुलना में 10 या इससे अधिक पार्ट्स पर बिलियन (पीपीबी) तक पहुंच गयी है। इस शोध की प्रमुख लेखिका और वर्साय सेंट क्वेंटिन विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर मैरिले सोनोइस ने कहा कि मीथेन उत्सर्जन में वृद्धि ग्लोबल वार्मिंग को सीमित करने के प्रयासों को खतरा पैदा कर सकता है। उन्होंने कहा, “हमें मीथेन गैस के उत्सर्जन को रोकने के लिए बहुत अधिक प्रयास करने चाहिये। यदि हम तापमान को दाे या इससे कम पर रोकना चाहते हैं तो हमें इस पर काम करना होगा और इस दिशा में तेजी से बदलाव करने की जरूरत होगी।” मीथेन गैस वायुमंडल में कार्बन डाई ऑक्साइड की तुलना में कम प्रचलित गैस है। यह सबसे बड़ा मानव निर्मित ग्रीन हाउस गैस है जो अधिक शक्तिशाली है और यह 28 गुना अधिक शक्तिशाली होता है। इस रिपोर्ट में यह नहीं कहा गया है कि ग्लोबल वार्मिंग में मीथेन गैस का योगदान कितना है।


                    सुश्री सोनोइस ने कहा कि हालांकि मीथेन गैस के उत्सर्जन के पीछे के कारणों को बेहतर तरीके से नहीं समझा जा सका है लेकिन पुशपालन और चावल की खेती को इसके लिए उत्तरदायी माना जा सकता है। गाय बड़ी मात्रा में मीथेन का उत्सर्जन करती है और धान की फसल से भी इसमें वृद्धि दर्ज की गयी है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के आंकड़े देते हुए कहा कि पूरे विश्वभर में वर्ष 1994 में 130 करोड़ पशु थे जबकि वर्ष 2014 में यह 150 करोड़ हो गया है। इसी तरह की बढ़ोतरी विभिन्न एशियाई देशों में चावल की खेती में देखी जा रही है। रिपोर्ट के सह लेखक और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में पृथ्वी प्रणाली विज्ञान के प्रोफेसर रॉबर्ट जैक्सन ने कहा कि मीथेन दलदल और अन्य झीलों के रूप में प्राकृतिक सहित कई अलग-अलग स्रोतों से उत्पन्न होते हैं लेकिन इसका 60 प्रतिशत उत्सर्जन मानव गतिविधियों से होता है जिसमें कृषि भी शामिल है।


सोनू

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