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न्यूजीलैंड दौरे में दर्शक बनकर रह गए रिषभ पंत

न्यूजीलैंड दौरे में दर्शक बनकर रह गए रिषभ पंत

माउंट मोंगानुई, 12 फरवरी (वार्ता) भारत के दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी के विश्वकप के बाद टीम से बाहर रहने पर युवा रिषभ पंत को टीम में पहली पसंद विकेटकीपर माना जा रहा था लेकिन न्यूजीलैंड दौरे में वह सिर्फ दर्शक बन कर रह गए हैं और अबतक आठ मैचों में उन्हें एक मैच में भी मौका नहीं मिल पाया है।

भारत को पिछले साल इंग्लैंड में हुए आईसीसी विश्वकप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा था और इस हार का ठीकरा धोनी के सिर फूटा था जो अंतिम ओवरों में रन आउट हो गए थे। धोनी ने इसके बाद खुद को जैसे भारतीय टीम से बाहर कर लिया। साथ ही चयनसमिति के तत्कालीन प्रमुख एमएसके प्रसाद ने भी स्पष्ट कर दिया कि टीम का ध्यान भविष्य पर है और पंत उनके पहली पसंद विकेटकीपर हैं।

22 साल के पंत को इसके बाद लगातार मौके मिलते रहे लेकिन वह हर मौके को दोनों हाथों से गंवाते रहे। टीम प्रबंधन, कप्तान विराट कोहली, उपकप्तान रोहित शर्मा और प्रसाद ने पंत की प्रतिभा पर लगातार भरोसा जताया लेकिन पंत हर बार निराश करते रहे।

पंत को न्यूजीलैंड दौरे में टी-20, वनडे और टेस्ट तीनों ही प्रारुपों में भारतीय टीम में शामिल किया गया। पंत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू वनडे सीरीज के पहले मैच में मुंबई में खेले लेकिन इस दौरान चोटिल हो गए। पार्ट टाइम विकेटकीपिंग करने वाले लोकेश राहुल को राजकोट और बेंगलुरु में दूसरे तथा तीसरे वनडे में मौका दिया गया।

      राहुल ने इस मौके का फायदा उठाते हुए राजकोट में 80 रन बनाए और विकेट के पीछे दो कैच लपकने के अलावा एक स्टंपिंग भी की। बेंगलुरु में उन्होंने 19 रन बनाए और दो कैच लपके। न्यूजीलैंड में राहुल को टी-20 सीरीज में विकेटकीपर के तौर पर आजमाया गया और पंत को बाहर बैठा दिया गया। राहुल इस कसौटी पर खरे उतरे और पंत का बेंच पर इंतजार लंबा होता चला जा रहा है।

टी-20 सीरीज में राहुल ने 56, नाबाद 57, 27, 39 और 45 रन तथा वनडे सीरीज में नाबाद 88, चार और 112 रन बनाए। टी-20 सीरीज में उन्होंने विकेट के पीछे चार शिकार किए और वनडे सीरीज में दो शिकार कर विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर अपनी जगह पक्की कर ली।

इस साल अॉस्ट्रेलिया में अक्टूबर में आईसीसी टी-20 विश्वकप होना है और राहुल टी-20 टीम में अपनी जगह पुख्ता कर चुके हैं। राहुल के कमाल ने पंत के सामने बड़ा संकट पैदा कर दिया है। इस स्थिति के लिए पंत खुद भी बहुत जिम्मेदार हैं जो बार-बार मौका मिलने पर भी उसे गंवाते रहे।

पंत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टी-20 घरेलू सीरीज में 18, 33 और शून्य, वनडे सीरीज में 71, 39 और सात, श्रीलंका के खिलाफ टी-20 मैच में नाबाद एक और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे में 28 रन बनाए। विकेट के पीछे भी उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा जबकि उनकी तुलना लगातार धोनी के प्रदर्शन से की जाती रही। अपने करियर में पंत 16 वनडे में 374 रन और 28 टी-20 में 410 रन ही बना पाए हैं।

टीम में संजू सैमसन के रुप में एक अन्य युवा विकेटकीपर बल्लेबाज भी मौजूद हैं। सैमसन को न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज में दो मैचों में बल्लेबाज के तौर पर मौका मिल गया लेकिन पंत को यह मौका भी नहीं मिल पाया। हालांकि सैमसन इन दोनों मौकों का फायदा नहीं उठा पाए और आठ तथा दो रन बनाकर आउट हो गए।

        32 वनडे में 47.65 के औसत से 1239 रन और 42 टी-20 में 45.65 के औसत से 1461 रन बना चुके राहुल ने खुद को धोनी के उत्तराधिकारी के रुप में हर लिहाज से साबित कर दिखाया है। वनडे में उनका स्ट्राइक रेट 87.06 और टी-20 146.10 है जबकि पंत का वनडे स्ट्राइक रेट 103.60 और टी-20 में 121.66 है।

भारत को न्यूजीलैंड से 21 फरवरी से दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है। पंत हालांकि टेस्ट टीम का भी हिस्सा हैं लेकिन टेस्ट टीम में अनुभवी विकेटकीपर रिद्धिमान साहा पहली पसंद हैं। साहा के रहते पंत को टेस्ट सीरीज में भी बेंच पर ही बैठना पड़ेगा। इस तरह देखा जाए न्यूजीलैंड का अब तक पूरा दौरा पंत के लिए बेंच पर बैठ कर ही बीता है।

पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने पंत की मौजूदा स्थिति को लेकर सवाल उठाते हुए कहा था कि टीम प्रबंधन उनके साथ यह क्या मजाक कर रहा है। टीम प्रबंधन को पंत को स्पष्ट करना चाहिए कि भारतीय टीम में इस समय उनकी क्या स्थिति है।

पूरे दौरे के आठ मैचों में किसी खिलाड़ी को कैसे सिर्फ दर्शक बनाकर रखा जा सकता है। उन्हें टी-20 और वनडे के आठ मैचों में कहीं ना कहीं मौका मिलना चाहिए था चाहे वह बल्लेबाज के तौर पर क्यों ना हो। इस तरह बाहर रखे जाने से इस युवा खिलाड़ी के मनोबल पर गहरा असर पड़ सकता है जिससे बाहर निकलना फिर उनके लिए बहुत मुश्किल काम होगा।

टी-20 टीम के जो 16 भारतीय सदस्य थे उनमें पंत ही एकमात्र ऐसे खिलाड़ी थे जिन्हें किसी मैच में खेलने का मौका नहीं मिला पाया। वनडे सीरीज में पंत के अलावा शिवम दुबे को किसी मैच में मौका नहीं मिल पाया। पंत को अब टेस्ट सीरीज में भी मौका नहीं मिलना है और वह इस दौरे के एकमात्र ऐसे खिलाड़ी बनेंगे जो तीनों प्रारुपों की टीमों में मौजूद होने के बावजूद एक भी मैच नहीं खेल पाए।

राज, शोभित

वार्ता

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