राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Feb 15 2021 7:15PM ऋषि गंगा त्रासदी पर सदन में चर्चा नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण: रेवती रमण
प्रयागराज, 15 फरवरी(वार्ता) समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह ने चमोली के ऋषि गंगा त्रासदी पर केंद्र सरकार के असंवेदनशील रवैये की निंदा करते हुए बजट सत्र के दौरान सदन में चर्चा नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
श्री सिंह ने सोमवार को यहां जारी बयान में कहा कि पिछले दिनो उत्तराखंड में हुई त्रासदी में अनको लोगों की जान जाती हैं ,पर केन्द्र की मोदी सरकार सदन में इस पर कोई चर्चा नहीं करतीं है। उन्होंने कहा यह सरकार की मानवीय मूल्यों के प्रति असंवेदनशीलता प्रकट करता है। सांसद ने कहा कि विकास के नाम पर प्रकृति का दोहन विनाश का कारण बन रहा है। हिमालय पर्वत श्रंखला कच्चा पहाड़ हैं उसपर भारी-भारी मशीनों और ब्लास्ट से सुरंग निर्माण पहाड़ को खोखला कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि देवदार पत्थरों मे खुद होते हैं इनको लगाया नहीं जाता। इनकी जड़ें मिट्टी और पत्थर को बांधे रहती हैं। पेड़ों की अन्धाधुंध कटाई से पहाड़ों की पकड़ कमजोर हो रही हैं, जो बर्फ का दबाव बर्दाश्त नहीं कर पाते। इसी कारण हिमस्खलन आदि घनाएं होती है और नदियों में पत्थर एवं गाद भारी मात्रा में जमा होता हैं।
श्री सिंह ने कहा कि महामना मालवीय ने अपनी जीवनी मे भाखड़ा नांगल बांध के टूटने पर चिंता व्यक्त किया था जो की टिहरी बांध से बहुत ही छोटा है। आज टिहरी बांध जिस दिन किसी दैवीय प्रकोप का शिकार होगा तो दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई जिले तबाह हो जायेंगे, इसलिए बांधों के निर्माण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगना चाहिए।
सपा सांसद ने कहा कि केदारनाथ त्रासदी और चमोली ऋषि गंगा त्रासदी से सबक लेते हुए सदन में व्यापक रूप से चर्चा होनी चाहिये कि ऊर्जा के लिए वैकल्पिक श्रोत का इस्तेमाल हो और बड़े बड़े विनाशकारी बांधों को तोड़ देना चाहिए जिससे करोड़ों भारतीयों के आस्था की जीवनदायनी गंगा अविरल हो कर निर्मल हो जाय।
दिनेश त्यागी
वार्ता