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हिमाचल प्रदेश का वर्ष 2019-20 के लिये 44,387.73 करोड़ रूपये का बजट, कोई नया कर नहीं

हिमाचल प्रदेश का वर्ष 2019-20 के लिये 44,387.73 करोड़ रूपये का बजट, कोई नया कर नहीं

शिमला, 09 फरवरी(वार्ता) हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज राज्य का वर्ष 2019-20 के लिये कुल 44,387.73 करोड़ रूपये का बजट पेश किया जिसमें वर्षात तक 2343 करोड़ रूपये का राजस्व घाटे का अनुमान व्यक्त किया गया है।


    सरकार ने राजस्व घाटे के बावजूद बजट में जनता पर कोई नया कर लगाने का प्रस्ताव नहीं किया है। अपनी सरकार का दूसरा बजट पेश करते हुये श्री ठाकुर, जिनके पास वित्त विभाग का भी प्रभार है, ने कहा कि बजट में ग्रामीण, कृषि एवं बागवानी, सिंचाई, समाज कल्याण, ढांचागत एवं औद्योगिक विकास, कौशल विकास, रोजगार सृजन,शिक्षा एवं स्वास्थय सुविधाओं में सुधार पर लक्षित है। उन्होंने बजट में 15 नई योजनाओं की घोषणा की है। बजट में वर्ष के दौरान राजस्व प्राप्तियां 33,747 करोड़ रूपये और राजस्व खर्च 36089 करोड़ रूपये का अनुमान व्यक्त किया गया है । बजट में राजस्व घाटाा 2343 करोड़ रूपये और वित्तीय घाटा 7352 करोड़ रूपये का अनुमान है। वित्तीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 4.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। प्रस्तावित बजट का आकार में गत वर्ष के मुकाबले सात प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2018-19 का कुल बजट लगभग 41,439 करोड़ रूपये रहने का अनुमान है। बजट को संतुलित करने के लिये मुख्यमंत्री ने इसमें 5058 करोड़ रूपये के ऋण का प्रस्ताव किया है।

अपने लगभग तीन घंटे के बजट भाषण में श्री ठाकुर ने कहा कि सरकार द्वारा खर्च किये जाने वाले प्रत्येक सौ रूपये में से 27.84 रूपये वेतन, 15 रूपये पेंशन, 10.25 रूपये ऋणों पर ब्याज की अदायगी, 7.35 रूपये ऋण अदायगी और 39.56 रूपये विकास और अन्य गतिविधियों पर खर्च किये जाएंगे। इसी तरह प्रत्येक 100 रूपये के राजस्व में केंद्रीय करों से 17 रूपये, राज्य करों से 19 रूपये, 35 रूपये अनुदान, 17 रूपये सार्वजनिक ऋण वसूली, छह रूपये गैर कर राजस्व और तीन रूपये अग्रिम जमा से आएंगे। उन्होंने वर्ष 2019-20 के लिये जिला परिषद और ब्लॉक समितियों के लिये 5वें वित्तायोग के तहत 210 करोड़ रूपये, जिला परिषद और पंचायत समितियों के लिये 45 करोड़ रूपये, चालू वित्त वर्ष के 407 करोड़ रूपये के मुकाबले 548 करोड़ रूपये पंचायतीराज संस्थाओं के लिये प्रावधान किये जाने की भी जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ग्राम पंचायतों के सदस्यों को बैठकों आदि में भाग लेने के लिये मानदेय बढ़ा कर 250 रूपये करने, पंचायत के प्रधान और उप प्रधान के मानदेय में 500-500 रूपये की वृद्धि कर इसे क्रमश 5000 रूपये और 3000 रूपये प्रतिमाह करने, पंचायत समिति चेयरमैन का मानदेय बढ़ा कर 7000 रूपये, उप चेयरमैन का पांच हजार रूपये तथा सदस्य का 4500 रूपये, जिला परिषद चेयरमैन का 12000 रूपये, उप चेयरमैन का आठ हजार रूपये तथा सदस्य का पांच हजार रूपये, चौकीदार का 4500 रूपये, नगर पंचायक के चेयरमैन का 5500 रूपये, उप चेयरमैन का चार हजार रूपये और सदस्य का 2500 रूपये, नगर परिषद चेयरमैन का 6500 रूपये, उप चेयरमैन का चार हजार रूपये तथा सदस्य का 2500 रूपये, नगर निगम धर्मशाला और शिमला महापौर का 12000 रूपये, उप महापौर का 8500 रूपये तथा पार्षद का 5500 रूपये और सामाजित सुरक्षा पेंशन 750 रूपये से बढ़ा कर 850 रूपये और 1300 रूपये से बढ़ा कर 1500 रूपये प्रतिमाह करने का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि पेंशन बढ़ौतरी से लगभग पांच लाख लोगों को लाभ होगा।

 

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