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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी


दौड़ने से तेज दौड़ता है दिमाग: बढ़ती है याददाश्त

दौड़ने से तेज दौड़ता है दिमाग: बढ़ती है याददाश्त

वाशिंगटन 27 जून (वार्ता) दौड़ने से शरीर के चुस्त और तंदरूस्त होने के बारे में तो आप सबको पता है लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि यह सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि दिमागी कसरत भी है, जिससे हमारी याददाश्त बढ़ती है। अमेरिकी जर्नल सेल मोटाबोलिज्म में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार दौड़ने के बाद चूहों, बंदरों और मनुष्यों के खून में कैथेप्सीन ‘बी’ नामक प्रोटीन का स्तर बढ़ जाता है, जो दिमाग को अधिक सक्रिय करता है। अमेरिकी नेशनल इंस्टीट्यूट के न्यूरोसाइंटिस्ट और वरिष्ठ शोधकर्मा हेनरिट्टे वान प्राग ने कहा , “जांच के दौरान हमने देखा कि एक प्रोटीन मांसपेशियों के उत्तकों से स्रावित होकर दिमाग की ओर बढ़ रहा है और मजेदार बात यह थी कि यह कैथेप्सीन ‘बी’ नामक प्रोटीन था। ” शोध के दौरान मांसपेशी की कोशिका को उस उपकरण के संपर्क में लाया गया, जो कसरत की तरह ही प्रभाव छोड़ता है। ऐसा करने पर पाया गया कि इसमें प्रोटीन कैथेप्सीन बी के उत्पादन में बढ़ोतरी हो रही है। कसरत के उपकरण पर रोजाना कई हफ्तों तक समय गुजारने के दौरान पाया गया कि चूहों के खून और मांसपेशियों की कोशिकाओं में प्रोटीन का स्तर अधिक है। इसके साथ ही, जब कैथेप्सीन बी को दिमाग के कोशिकाओं पर लागू किया गया तो पाया कि मस्तिष्क की नयी कोशिकाओं का निर्माण हो रहा है।


                        शोध के दौरान कैथेप्सीन बी स्रावित करने वाले चूहों और इसे स्रावित नहीं करने वाले चूहों के बीच एक सप्ताह तक पानी के अंदर कई स्लैब की मदद से भूलभुलैया खेल का आयोजन किया गया। इसमें शोधकर्ताओं ने पाया कि बिना कैथेप्सीन बी वाला चूहे छिपे प्लेटफार्म का पता लगाने में असफल रहे जबकि कैथेप्सीन बी की क्षमतावाले चूहे को रोजाना तैराकी से पहले दौड़ाया गया तो वह इस प्लेटफार्म का पता लगाने में सफल रहे। जर्मन शोधकर्ताओं के साथ इस अध्ययन के सहयोगी श्री प्राग ने कहा, “अध्ययन के दौरान हमने तीन प्रजातियों- चूहा, बंदर और मनुष्यों के खून में कैथेप्सीन बी को अनियंत्रित देखा।” उन्हाेंने कहा, “मनुष्यों में चार महीनों के लगातार अध्ययन के बाद कैथेप्सीन बी के स्तरों में वृद्धि के साथ-साथ उनकी याददाश्त को बेहतर पाया गया।” अन्य अध्ययनों में पाया गया कि कैथेप्सीन बी न्यूरोप्रोटेक्टिव है और यह एमीलॉयड प्लेक्स को साफ कर सकता है। शाेधकर्ता अब यह पता लगायेंगे कि कैथेप्सीन बी कैसे दिमाग की रक्त बाधाओं को पार करती है, कैसे यह न्यूरोनल संकेत, वृद्धि और जुड़ाव को सक्रिय करती है। इसके साथ ही वह यह भी पता लगायेंगे कि इसकी विभिन्न प्रजातियों में कैसा व्यवहार हाेता है और उम्र के साथ-साथ प्रोटीन के उत्पादन में कैसे बदलाव आता है।

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