मुम्बई 09 सितंबर (वार्ता) विदेशी बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों के बीच वैश्विक पटल पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को लेकर जारी चिंता और देश में विनिर्माण तथा सेवा क्षेत्र की सुस्त पड़ी रफ्तार तथा डॉलर की तुलना में भारतीय मुद्रा की गिरावट से हतोत्साहित निवेशकों की बिकवाली के दबाव में बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 255.25 अंक लुढ़ककर 38,389.82 अंक पर और एनएसई का निफ्टी 91.40 अंक लुढ़ककर 11,589.10 अंक पर बंद हुआ।
आगामी सप्ताह बाजार पर भारतीय मुद्रा की स्थिति, कच्चे तेल की कीमतों, मानसून की चाल और वैश्विक संकेतों का असर रहेगा। बीते सप्ताह जारी हुये अमेरिका के मजबूत रोजगार आंकड़े भी शेयर बाजार को प्रभावित करेंगे। आलोच्य सप्ताह के दौरान डॉलर की तुलना में रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर तक लुढ़का और पेट्रोल, डीजल की कीमतें भी नये उच्चतम स्तर पहुंच गयीं। रुपये की गिरावट और कच्चे तेल में उबाल से निवेशकों का भरोसा जोखिम भरे निवेश से डगमगाता है।
वैश्विक मंच पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को लेकर कंपनियां और कई देश चिंता में हैं। श्री ट्रंप ने चीन के खिलाफ जिस तरह व्यापारिक युद्ध का बिगुल छेड़ दिया है उसे देखते हुये अन्य देशों को इसकी चपेट में आने की आशंका लग रही है। उथलपुथल के इस माहौल में निवेशक जोखिम भरे निवेश की जगह सुरक्षित निवेश को तरजीह देने लगते हैं। अमेरिका के मजबूत रोजगार आंकड़े फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढाये जाने की गति का संकेत देते हैं। ब्याज दर बढ़ने की स्थिति में भी निवेशक शेयर बाजार में पूंजी लगाने में कोताही बरतने लगते हैं।
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान बाजार पर कई कारकों का दबाव रहा। रुपये की गिरावट और कच्चे तेल के भाव में बढोतरी के अलावा सेवा क्षेत्र और विनिर्माण क्षेत्र की सुस्त पड़ी रफ्तार की खबरों ने भी निवेशकों के भरोसे को कम किया। इसके अलावा मुनाफावसूली की वजह से भी बाजार को साप्ताहिक गिरावट झेलनी पड़ी।
दिग्गज कंपनियों की तरह छोटी और मंझोली कंपनियों पर भी बीते सप्ताह बिकवाली का दबाव रहा। बीएसई का मिडकैप सप्ताह के दौरान 376.47 अंक यानी 2.23 प्रतिशत फिसलकर 16,504.86 अंक पर और स्मॉलकैप 296.25 अंक यानी 1.72 प्रतिशत घटकर 16,896.95 अकं पर बंद हुआ।
अर्चना
जारी वार्ता