नयी दिल्ली, 03 दिसंबर (वार्ता) भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अभी तक लोढा पैनल के सुझावों पर अमल नहीं कर पा रहा है और अब उसके सामने घरेलू क्रिकेट में बदलाव के लिए महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का एक रणजी मैच में दो पिच अौर दो गेंद इस्तेमाल किए जाने का अद्भुत सुझाव आया है। मास्टर ब्लास्टर ने शनिवार को ‘हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट’ में बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर की मौजूदगी में यह सुझाव दिया। सचिन के इस मास्टर स्ट्रोक का बोर्ड पर कितना असर पड़ेगा यह तो आगे समय ही बताएगा। लेकिन उनके इस सुझाव ने घरेलू क्रिकेट जगत में हलचल जरुर पैदा कर दी है। सचिन ने कहा,“ रणजी ट्रॉफी का प्रत्येक मैच दो अलग अलग पिचों पर खेला जाना चाहिए जिससे विदेशी दौरों के लिए बेहतर टेस्ट टीम तैयार की जा सके। मैंने रणजी ट्रॉफी के मौजूदा सत्र को तटस्थ स्थानों पर कराने के प्रयोग के बारे में काफी सोच विचार किया। मेरे पास भी एक सुझाव है। जब हम ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, वेस्टइंडीज और दक्षिण अफ्रीका जैसे स्थानों पर जाते हैं तो कूकाबूरा गेंदों से खेलते हैं जो शुरू में स्विंग करती हैं।” उन्होंने कहा,“ उस युवा रणजी बल्लेबाज के बारे में सोचिए जो भारत में एसजी टेस्ट गेंद से खेलता है और इसके बाद विदेशों में उसे मुश्किल हालात का सामना करना पड़ता है। हम एक नया प्रयोग कर सकते हैं कि पहली पारी कूकाबूरा गेंद से घसियाली पिचों पर कराते हैं और दूसरी पारी स्पिन की मददगार पिच पर कराते हैं।” राज एजाज जारी वार्ता