नयी दिल्ली, 04 जून (वार्ता) भारत के पूर्व कप्तान और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की तकनीकी समिति के प्रमुख अनिल कुंबले का कहना है कि गेंद पर मुंह की लार के इस्तेमाल से कोरोना वायरस फैलने का खतरा ज्यादा है और इसी को देखते हुए लंबी चर्चा के बाद इस पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया है।
कुंबले के नेतृत्व में आईसीसी की तकनीकी समिति ने कोरोना वायरस के खतरे के कारण गेंद पर मुंह की लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था। समिति ने हालांकि पसीने के इस्तेमाल की इजाजत दी थी। कुंबले ने कुछ दिनों पहले मुंह की लार पर प्रतिबंध को अंतरिम उपाय बताया था।
49 वर्षीय कुंबले ने एक वेबिनार में कहा, “मेडिकल सलाह के आधार पर हमने यह माना कि गेंद पर मुंह की लार के इस्तेमाल से वायरस फैलने का खतरा ज्यादा है, इसलिए हमने इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। हालांकि खिलाड़ियों के लिए ऐसा कर पाना काफी मुश्किल काम होगा क्योंकि उन्हें अपने करियर की शुरुआत से ही यह आदत लगी हुई है।”
पूर्व कप्तान का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट में ऐसी पिच तैयार की जाए जिससे गेंद और बल्ले का संतुलन बनाया जा सके। उन्होंने कहा, “अन्य खेलों की तुलना में क्रिकेट में फायदा यह है कि यहां आपके पास ऐसी पिच होती है जिसके हिसाब से आप खेल सकते हैं, अन्य खेलों में ऐसा नहीं होता। क्रिकेट में आप पिच को अपने हिसाब से बना सकते हो जिससे गेंद और बल्ले के बीच बेहतर संतुलन बन सके।”
आईसीसी क्रिकेट तकनीकी समिति के प्रमुख ने इस बात पर भी जोर दिया कि कोरोना वायरस के बाद क्रिकेट शुरु होने पर गेंदबाजों पर दबाव नहीं बने और वे अपने बोझ को संतुलित कर सकें।
कुंबले ने कहा, “मैं इसलिए ट्रेनिंग पर भरोसा करता हूं और मेरा मानना है कि इसे धीरे-धीरे शुरु किया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए नहीं क्योंकि आप वापस आकर मैच खेल रहे हैं। लेकिन आपको यह समझना होगा कि आप ढाई महीने के लॉकडाउन के बाद मैदान पर वापसी कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “विशेषकर जब आप एक गेंदबाज हैं और आपको मैच से पहले ट्रेनिंग में भी गेंदबाजी अभ्यास करना है। इसलिए जरुरी है कि आप धीरे-धीरे ट्रेनिंग शुरु करें और धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में वापस आएं जैसा आप कर सकते हैं।”
इंग्लैंड पहली टीम है जिसने कोरोना वायरस के कारण खेल गतिविधियां ठप्प होने के बीच ट्रेनिंग शुरु की थी। कुंबले ने सुझाव देते हुए कहा कि क्रिकेटरों को अपना शरीर फिट रखने के लिए स्मार्ट बनने की जरुरत है। उनका मानना है कि लॉकडाउन के दौरान खिलाड़ी ट्रेनिंग से दूर थे जिसके काऱण उनके शरीर में अकड़न आ गयी होगी और क्रिकेटरों को फिटनेस अभ्यास के दौरान खासा ध्यान देने की जरुरत है।
कुंबले ने कहा, “मुझे पता है कि इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज की घोषणा की है लेकिन यहां भी खिलाड़ियों को मैदान पर उतरने से पहले अपने शरीर का ख्याल रखना होगा। मौजूदा हालात में अब टेस्ट मैच में एक तेज गेंदबाज के लिए 30 ओवर और स्पिनर के लिए 30-40 ओवर गेंदबाजी करना आसान नहीं होगा।”
शोभित राज
वार्ता