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सनातन सिर्फ एक शब्द नहीं है,ये नित्य नूतन है, परिवर्तनशील है: मोदी

सनातन सिर्फ एक शब्द नहीं है,ये नित्य नूतन है, परिवर्तनशील है: मोदी

भुज, 11 मई (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि सनातन सिर्फ एक शब्द नहीं है, ये नित्य नूतन है, परिवर्तनशील है और इसमें बीते हुए कल से खुद को और बेहतर बनाने की एक अंतर्निहित चेष्टा है, इसलिए सनातन अजर-अमर है।

श्री मोदी ने कड़वा पाटीदार समाज की 100वीं वर्षगांठ पर सनातनी शताब्दी महोत्सव में वर्चुअल तरीके से हिस्सा लेते हुए अपने संबोधन में कहा,“ यह मेरे कच्छी पटेल कच्छ का ही नहीं, परंतु अब पूरे भारत का गौरव है, क्योंकि मैं भारत के किसी भी कोने में जाता हूँ, तो वहाँ मेरे इस समाज के लोग देखने को मिलते हैं। इसलिए तो कहा जाता है कच्छड़ो खेले खलक में जो महासागर में मच्छ, जे ते हद्दो कच्छी वसे उत्ते रियाडी कच्छ।

उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद शारदापीठ के जगद्गुरु पूज्य शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र भाई पटेल, केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला, अखिल भारतीय कच्छ कड़वा पाटीदार समाज के अध्यक्ष अबजी भाई विश्राम भाई कानाणी और अन्य पदाधिकारियों और देश-विदेश से जुड़े लोगों सभी को सनातनी शताब्दी महोत्सव की शुभकामनायें दीं।

उन्होंने कहा, “आज मेरे लिए सोने पर सुहागा है। मेरे लिए ये पहला अवसर है, जब मुझे जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी की उपस्थिति में उनके शंकराचार्य पद धारण करने के बाद किसी कार्यक्रम में आने का अवसर मिला है। उनका स्नेह हमेशा मुझ पर रहा है, हम सब पर रहा है तो आज मुझे उन्हें प्रणाम करने का अवसर मिला है।”

उन्होंने कहा कि समाज की सेवा के सौ वर्ष का पुण्य काल, युवा इकाई का पचासवां वर्ष और महिला इकाई का पच्चीसवां वर्ष की यह जो त्रिवेणी बनी है। ये अपने आप में बहुत ही सुखद संयोग है। जब किसी समाज के युवा, उस समाज की माताएँ-बहनें, अपने समाज की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर लेते हैं, तो मान लेना उसकी सफलता और समृद्धि तय हो जाती है। मुझे खुशी है कि श्री अखिल भारतीय कच्छ कड़वा पाटीदार समाज के युवा एवं महिला विंग की ये निष्ठा इस महोत्सव के रूप में आज चारों तरफ नजर आ रही है। ”

श्री माेदी ने कहा, “आपने अपने परिवार के सदस्य के रूप में मुझे सनातनी शताब्दी महोत्सव का हिस्सा बनाया। मैं इसके लिए आप सभी का आभारी हूं। सनातन सिर्फ एक शब्द नहीं है, ये नित्य नूतन है, परिवर्तनशील है। इसमें बीते हुए कल से, खुद को और बेहतर बनाने की एक अंतर्निहित चेष्टा है और इसलिए सनातन अजर-अमर है। ”

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की यात्रा उसके समाज की यात्रा का ही एक दर्शन होती है। पाटीदार समाज का सैकड़ों साल का इतिहास, सौ वर्षों की श्री अखिल भारतीय कच्छ कड़वा समाज की यात्रा और भविष्य के लिए विज़न ये एक तरह से भारत और गुजरात को जानने-देखने का एक माध्यम भी है। सैकड़ों वर्ष इस समाज पर विदेशी आक्रांताओं ने क्या-क्या अत्याचार नहीं किए, लेकिन फिर भी समाज के पूर्वजों ने अपनी पहचान नहीं मिटने दी, अपनी आस्था को खंडित नहीं होने दिया। सदियों पहले के त्याग और बलिदान का प्रभाव आज इस सफल समाज की वर्तमान पीढ़ी के रूप में देखा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आज कच्छ कड़वा पाटीदार समाज के लोग देश-विदेश में अपनी सफलता का परचम लहरा रहे हैं। वह जहां भी हैं, अपने श्रम और सामर्थ्य से आगे बढ़ रहे हैं। टिंबर हो, प्लाईवुड हो, हार्डवेयर, मार्बल, बिल्डिंग मटेरियल, हर सेक्टर में इस समाज के लोग छाए हुए हैं। खुशी है कि इन सबके साथ ही समाज ने पीढ़ी-दर-पीढ़ी, साल-दर-साल अपनी परम्पराओं का मान बढ़ाया है, सम्मान बढ़ाया है। इस समाज ने अपने वर्तमान का निर्माण किया, अपने भविष्य की नींव रखी है।

श्री मोदी ने कहा, “ राजनैतिक जीवन में मैंने आप सबके बीच एक लंबा समय गुजारा है। आप सभी से बहुत कुछ सीखा

है। गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुये आपके साथ कई विषयों पर काम करने का अवसर भी मिला है। चाहे कच्छ में आए भूकंप का मुश्किल दौर हो, या उसके बाद राहत-बचाव और पुनर्निर्माण के लंबे प्रयास हों, ये समाज की ताकत ही थी, जिससे मुझे हमेशा एक आत्मविश्वास मिलता था। विशेषकर जब मैं कच्छ के दिनों के बारे में सोचता हूं, तो कितना ही कुछ पुराना याद आने लगता है। एक समय था जब कच्छ देश के सबसे पिछड़े जिलों में से एक था। पानी की किल्लत, भुखमरी, पशुओं की मौत, पलायन, बदहाली, यही कच्छ की पहचान थी। किसी अफसर का ट्रांसफर कच्छ होता था, तो उसे पनिशमेंट पोस्टिंग माना जाता था, काला पानी माना जाता था, लेकिन बीते वर्षों में हमने साथ मिलकर कच्छ का कायाकल्प कर दिया है। हमने कच्छ के पानी संकट को हल करने के लिए जिस तरह साथ मिलकर काम किया, हमने साथ मिलकर जिस तरह कच्छ को विश्व का इतना बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाया, वह सबका प्रयास का एक बेहतरीन उदाहरण है। ”

उन्होंने कहा, “आज मुझे ये देखकर गर्व होता है कि कच्छ, देश के सबसे तेजी से विकसित होते जिलों में से एक है। कच्छ की कनेक्टिविटी सुधर रही है, वहां बड़े-बड़े उद्योग आ रहे हैं। जिस कच्छ में कभी खेती के बारे में सोचना भी मुश्किल था, आज वहां से कृषि उत्पाद एक्सपोर्ट हो रहे हैं, दुनिया में जा रहे हैं। इसमें आप सभी लोगों की बड़ी भूमिका रही है।”

अनिल.श्रवण

जारी वार्ता

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