भोपाल, 17 सितंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज संत समाज का आह्वान करते हुए कहा कि साधु-संत शहरी युवा पीढ़ी को आध्यात्म से जोड़े।
श्री कमलनाथ आज यहां आध्यात्म विभाग द्वारा आयोजित एकदिवसीय संत समागम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत की आध्यात्मिक शक्ति ही उसकी पहचान है और संत समाज नई युवा शहरी पीढ़ी को आध्यात्म से जोड़े।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने विपक्षी दल पर जम कर हमले बोले। उन्होंने कहा कि उनके मंदिर जाने से 'कुछ लोगों' के पेट में दर्द होता है। उन्होंने ये भी कहा कि संत समागम को देख कर उन लोगों के पेट में दर्द हो रहा होगा, जिन्होंने सोचा था कि उन्होंने साधु संतों का ठेका लिया हुआ है। उन्होंने दावा किया कि मौजूदा सरकार ने कम समय में नीयत और नीति का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि वे प्रचार नहीं करते क्योंकि काम करना सरकार का कर्त्तव्य बनता है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने सोचा था कि 15 साल तक जो सरकार रही है, उसमें संभवत: साधु-संतों की सभी मांगें पूरी हो गई होंगी। उन्होंने साधु-संतों द्वारा रखी गईं मांगों के संदर्भ में कहा कि संत समाज को नई सरकार के समय अब कुछ भी मांगने की जरुरत नहीं पड़ेगी।
श्री कमलनाथ ने कहा कि वे जब छिंदवाड़ा में हनुमान मंदिर बनवा रहे थे, तब भी लोगों ने उनकी आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने भावना से मंदिर बनावाया।
उन्होंने कहा कि राज्य में धर्म के नाम पर जो घोटाले हुए हैं, उनकी जांच तो जरूर होगी पर सभी को नीयत और भावना के बारे में भी सोचना है।
कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और राज्य के जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा भी मौजूद थे।
गरिमा प्रशांत
वार्ता