नयी दिल्ली, 08 जुलाई (वार्ता) क्या आप यह सोच सकते हैं कि गंभीर रूप से अस्थमा से पीड़ित बच्चा जो इनहेलर से एक पफ लिए बिना 100 मीटर भागने में भी हांफ जाता हो, वह दुनिया के सातों महाद्वीपों में सात चोटियों पर तिरंगा फहराकर अपने देश का नाम रोशन कर सकता है। जी हां, यह सच है, सत्यरूप सिद्धांत यह उपलब्धि हासिल करने वाले पांचवें भारतीय नागरिक हैं।
सत्यरूप ने दक्षिणी ध्रुव के आखिरी हिस्से में 111 किलोमीटर की चढ़ाई महज छह दिनों में की थी। वह अंटाकर्टिका में बांसुरी से राष्ट्रीय गीत की धुन बजाने वाले पहले भारतीय हैं। इसके साथ ही वह भारत के सात ज्वालामुखी पर्वतों की चढ़ाई शुरू करने वाले पहले भारतीय होंगे।
सत्यरूप का कहना है, “मैं बड़े सपने देखने में विश्वास रखता हूं और उन्हें पूरा करने में अपनी ओर से कोई कोर-कसर नहीं छोड़ता। चाहे कितने भी विपरीत हालात हों, मैं अपने सपनों का पीछा हर हाल में करता हूं।”
सत्यरूप का मिशन एडवेंचर स्पोटर्स के क्षेत्र में क्रांति लाने का है। वह जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना चाहते हैं और नए-नए वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाने की कगार पर है।
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