विज्ञान एवं प्रौद्योगिकीPosted at: Jun 23 2017 6:55PM विज्ञान की खबरों के प्रसार में कमी चिंतनीय: हर्षवर्द्धन
नयी दिल्ली 23 जून (वार्ता) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने विज्ञान से जुड़ी खबरों को मीडिया में उचित स्थान नहीं मिलने पर चिंता जताते हुये आज युवा पत्रकारों से भारतीय वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को आम लोगों तक पहुँचाने की अपील की। डॉ. हर्षवर्द्धन ने दिल्ली पत्रकार संघ के तत्त्वावधान में विज्ञान के प्रसार में मीडिया की भूमिका विषय पर आयोजित कार्यशाला में कहा कि कई बार उन्हें संवाददाताओं से सुनने को मिलता है कि विज्ञान की खबरों को अखबरों में जगह नहीं मिलने का कारण संपादक स्तर पर उन्हें तरजीह नहीं दिया जाना है। उन्होंने कहा कि विज्ञान को जन-जन तक पहुँचाने का काम मीडिया का है। चाहे वह पोलियो अभियान की सफलता हो या विज्ञान की अन्य उपलब्धियों का प्रचार-प्रसार, मीडिया पुराने समय में काफी सहयोगात्मक भूमिका में रहा है और उम्मीद है कि युवा पत्रकार भी इस दायित्व को बखूबी निभायेंगे। उन्होंने सरकार की तरफ इस काम में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) के महानिदेशक गिरीश साहनी ने एक प्रस्तुतिकरण पेश कर परिषद् के तहत आने वाली प्रयोगशालाओं की उपलब्धियों का ब्योरा रखा। उन्होंने बताया कि स्वदेशी गर्भ निरोधक गोली सहेली से लेकर स्वदेशी विमानों के निर्माण, सुराही में लगाये जाने वाले वाटर फिल्टर से लेकर धान की भूसी से लकड़ी बनाने और भूतल के 200-300 फुट नीचे चट्टानों के बीच पानी के स्रोतों की खोज से लेकर कोयला खदानों के पानी को पीने लायक बनने की तकनीक इन प्रयोगशालाओं ने ही दी हैं। उन्होंने कहा कि सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं ने सस्ती और आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण तथा ज्यादा पोषण और उपज वाली फसलों की किस्मों के विकास में भी महत्वपूर्ण अनुसंधान किये हैं। डॉ. साहनी ने कहा कि अक्सर लोगों को यह पता नहीं होता कि जो उत्पाद वह इस्तेमाल कर रहे हैं उनके विकास में कितना योगदान सीएसआईआर का है क्योंकि परिषद् से तकनीक का लाइसेंस खरीदने वाली कंपनी सिर्फ अपना नाम ही मोटे अक्षरों में लिखती है। परिषद् की इन उपलब्धियों से लोगों को अवगत कराने का काम मीडिया बखूबी कर सकता है। अजीत संजीव वार्ता