पटना 07 अक्टूबर (वार्ता) नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से आयोजित राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट), 2024 के प्रश्नपत्र लीक मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बिहार में पटना की एक विशेष अदालत में नौ मेडिकल छात्रों समेत जेल में बंद 21 अभियुक्तों के खिलाफ आज दूसरा पूरक आरोप पत्र दाखिल किया।
सीबीआई ने इस मामले में यह दूसरा पूरक आरोप पत्र जेल में बंद अभियुक्त राजकुमार सिंह उर्फ राजू सिंह, सुरेंद्र कुमार शर्मा उर्फ मॉल, राकेश रंजन उर्फ रॉकी, शशिकांत पासवान उर्फ शशि उर्फ पाशु, अविनाश कुमार उर्फ बंटी, करण जैन, कुमार सानू, राहुल आनंद, चंदन सिंह, सुरभि कुमारी, दीपेंद्र शर्मा, कुमार मंगलम बिश्नोई, रौनक राज, संदीप कुमार, अमित कुमार, संजय कुमार, रंजीत कुमार बेउरा उर्फ पिंटू, अमित प्रसाद महाराणा उर्फ मुन्नू, धीरेन कुमार पांडा, सुशांत मोहंती और पंकज कुमार उर्फ आदित्य के खिलाफ विशेष न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह की अदालत में भारतीय दंड विधान की धारा 120 बी, 109, 201, 380, 409, 411 और 420 तथा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13(2) सहपठित धारा 13(1)ए के तहत दायर किया है।
सीबीआई ने 5500 पेज के इस आरोप पत्र में 298 गवाहों के नाम के साथ 290 दस्तावेजों और 45 वस्तु प्रदर्शों का भी जिक्र किया है। सीबीआई की जांच के अनुसार, जब नीट यूजी 2024 के प्रश्न पत्र बैंक के बज्रगृह से 8:00 बजे सुबह हजारीबाग के ओएसिस स्कूल पहुंचे तब स्कूल के प्राचार्य एहसान उल हक और उप प्राचार्य इम्तियाज आलम की मिलीभगत से अभियुक्त पंकज कुमार ने विद्यालय के नियंत्रण कक्ष में प्रवेश किया और एक विशेष प्रकार के हथियार से उसने ट्रंक को खोलकर एक प्रश्न पत्र निकाला, मोबाइल से उसकी तस्वीर खींची और प्रश्न पत्र रखकर फिर से ट्रंक को वैसे ही बंद कर दिया। जिस औजार से ट्रंक को खोला गया था वह औजार सीबीआई ने पंकज कुमार के घर से बरामद किया।
उसके बाद पंकज कुमार ने प्रश्न पत्र की फोटो प्रति सह अभियुक्त सुरेंद्र कुमार शर्मा को सौंप दी, जो हजारीबाग के राज गेस्ट हाउस में मौजूद था। चुराए गए प्रश्न पत्र को प्रिंट करके प्रश्न पत्र हल करने वाले एक गैंग करण जैन, कुमार सानू, राहुल आनंद, चंदन सिंह सुरभि कुमारी, दीपेंद्र शर्मा, रौनक राज, संदीप कुमार और अमित कुमार को सौंप दिया गया। यह सभी प्रश्न पत्र हल करने वाले मेडिकल के छात्र थे, जिन्होंने मेरिट के आधार पर दाखिला पाया था। इन सभी को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है।
पहले बॉटनी और जियोलॉजी के प्रश्न हल किए गए, उसके बाद रसायन शास्त्र और अंत में भौतिकी के प्रश्नों को हल किया गया। हल किए गए प्रश्न पत्रों को हजारीबाग के राज गेस्ट हाउस में मौजूद परीक्षार्थियों को दिया गया। उसके बाद प्रश्न पत्र को डिजिटल प्रिंट करके निश्चित स्थानों पर गैंग के अन्य सदस्यों को सौंपा गया, जिन्होंने हल किए गए प्रश्न पत्रों को उन परीक्षार्थियों को सौंपा, जो उन निश्चित जगह पर मौजूद थे। जिन परीक्षार्थियों ने रुपए दिए थे सिर्फ उन्हीं परीक्षार्थियों को इन जगहों पर प्रवेश की अनुमति दी गई थी।
छात्रों को इन जगहों पर मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं थी। दोपहर करीब 12:15 बजे इन परीक्षार्थियों को उनके परीक्षा केंद्रों पर जाने दिया गया। इन छात्रों को हल किए गए प्रश्न पत्रों को ले जाने की अनुमति नहीं थी। सभी निश्चित स्थानों पर प्रश्न पत्रों को अभ्यर्थियों से लेकर नष्ट कर दिया गया। सीबीआई ने अधजले प्रश्न पत्रों को लर्न प्ले स्कूल, पटना से बरामद किया।
सीबीआई ने जांच के दौरान प्रश्न पत्र हल करने वाले गैंग के सदस्यों की पहचान की। सीबीआई ने इन निश्चित स्थानों पर मौजूद 144 छात्रों की भी पहचान की है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है। सीबीआई ने जांच के दौरान इस अपराध में शामिल 21 मोबाइल फोन को भी गोताखोरों की मदद से विभिन्न तालाबों से बरामद किया है।
गौरतलब है कि 05 मई 2024 को पूरे देश में नीट 2024 की परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा के दौरान गड़बड़ी करने के आरोप में पटना के शास्त्री नगर थाना प्रभारी अमर कुमार ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया और शास्त्री नगर थाना कांड संख्या 358/2024 के रूप में एक प्राथमिकी दर्ज की। बाद में मामला आर्थिक अपराध ईकाई को सौंप दिया गया। उसके बाद प्रश्न पत्र लीक होने का मामला उजागर हुआ और केंद्र सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी।
सीबीआई 23 जून 2024 को अपनी प्राथमिकी आरसी 224/2024 के रूप में दर्ज करने के बाद अनुसंधान कर रही है। अदालत में यह मामला आरसी 6ई/2024 के रूप में दर्ज है। इस मामले में अभी तक 49 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सीबीआई ने इस मामले में 01 जुलाई 2024 को 13 अभियुक्तों के खिलाफ मूल आरोप पत्र दाखिल किया था। उसके बाद छह अभियुक्तों के खिलाफ 19 सितंबर 2024 को पहला पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था। इस प्रकार इस इस मामले में 40 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है।
पूर्व में मामला सीबीआई के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में लंबित था। मामले में सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता पाए जाने के बाद भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराएं जोड़ी गई, जिसके बाद मामले का अभिलेख सीबीआई की विशेष अदालत संख्या दो के न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया है, जहां मामले की सुनवाई लंबित है। आरोप पत्र में अनुत्तप्रेषित दिखाए गए तीन अभियुक्तों की जमानत हो चुकी है, बाकी बचे छह अभियुक्तों के खिलाफ अनुसंधान अभी जारी है।
सं. सूरज शिवा
वार्ता