भारतPosted at: Dec 7 2019 8:58PM कच्ची कालोनियों को नियमित करने की अधिसूचना से धारा सात ए हटे:गोयल
नयी दिल्ली, 07 दिसंबर (वार्ता) उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस नेता मुकेश गोयल ने शनिवार को राजधानी की अनधिकृत कालोनियों को नियमित किए जाने के संबंध में केंद्र सरकार की तरफ से जारी अधिसूचना में से धारा सात ए को अविलंब हटाए जाने की मांग की है।
श्री गोयल ने यहां कहा कि यदि इस धारा को नहीं हटाया गया तो दिल्ली की 35 से 40 प्रतिशत कालोनियों पर नियमित नहीं होने की तलवार लटकी हुई है। इस मुद्दे पर निगम की विशेष बैठक में कांग्रेस की तरफ से एक प्रस्ताव भी पेश किया गया।
बैठक में अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने तथा सीलिंग के मसले पर पक्ष-विपक्ष के एक दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। एकीकृत निगम में स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे श्री गोयल ने कहा कि दिल्ली में अनधिकृत कालोनियों को पास किया जा रहा है और संसद ने इस संबंध में मंजूरी भी दे दी है। कालोनियों को नियमित करने के लिए सरकार की तरफ से 29 अक्टूबर को जारी अधिसूचना में नियमितीकरण में सात ए धारा लगाई गई है जिसकी वजह से बड़ी संख्या में कालोनियां नियमित नहीं सकेंगी।
उन्होंने कहा कि धारा सात ए की वजह से ऐसी कालोनियां जिनके ऊपर से हाईटेंशन तार गुजर रही हैं अथवा ऐसी बस्तियां जो नदी के किनारे बसी हैं, नियमित नहीं हो सकेंगी। कुल अनियमित कालोनियों में यह करीब 40 प्रतिशत हैं। इन कालोनियों के नियमित नहीं होने से यहां तोड़-फोड़ की तलवार हमेशा लटकी रहेगी और यहां के लोगों को मालिकाना हक भी नहीं मिल पायेगा।
केंद्र सरकार के कच्ची कालोनियों के निवासियों को मालिकाना हक देने को हास्यास्पद बताते हुए उन्होंने कहा कि यहां रहने वालों ने जमीन सीधे जमींदारों से खरीदी है तो उनका मालिकाना हक भी है तो फिर सरकार किस आधार पर मालिकाना हक देने की बात कर रही है।
श्री गोयल ने अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने के लिए जारी अधिसूचना में से धारा सात ए को अविलंब हटाने की मांग करते हुए कहा कि नियमितीकरण पर मालिकाना हक के लिए इन बस्तियों में रहने वाले लोगों से कोई शुल्क नहीं वसूला जाए। उन्होंने निगम के सभी दलों से आग्रह किया कि वह दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इन कालोनियों में रहने वाले लाखों लोगों के हित में धारा सात ए और शुल्क नहीं वसूले जाने का प्रस्ताव पारित कर तुरंत केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजें और इसके लिए दबाव डालें।
मिश्रा.श्रवण
वार्ता