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बुद्धिजीवियों के खिलाफ दायर राजद्रोह मामले में हस्तक्षेप करे न्यायालय: हासन

बुद्धिजीवियों के खिलाफ दायर राजद्रोह मामले में हस्तक्षेप करे न्यायालय: हासन

चेन्नई, 08 अक्टूबर (वार्ता) अभिनेता से राजनेता बने एवं मक्कल निधि मैयम पार्टी के संस्थापक कमल हासन ने मॉब लिंचिंग का विरोध करने पर 49 बुद्धिजीवियों के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किये जाने के मामले में उच्चतम न्यायालय से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।

श्री हासन ने आज यहां ट्वीट कर कहा,“प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत को एक सौहार्दपूर्ण देश बनाना चाहते हैं और संसद में उन्होंने इस आशय का बयान भी दिया है। क्या राज्य को और कानून को प्रधानमंत्री की इस भावना का सम्मान नहीं करना चाहिए, लेकिन देश के 49 बुद्धिजीवियों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करना श्री मोदी की भावनाओं के खिलाफ नहीं है?”

उन्होंने अदालत से राजद्रोह के मामले को निरस्त करने की मांग करते हुए कहा,“मैं एक नागरिक के रूप में उच्चतम न्यायालय से अनुरोध करता हूं कि वह लोकतंत्र और न्याय की रक्षा के लिए इन बुद्धिजीवियों के खिलाफ बिहार में दायर मुकदमे को रद्द कराये।”

तमिलनाडु में कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने मशहूर फिल्म हस्ती मणिरत्नम और अभिनेत्री रेवती जैसे कलाकारों के खिलाफ दायर मामलों को रद्द करने की मांग की है।

द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने भी कहा है कि क्या प्रधानमंत्री को मॉब लिंचिंग के खिलाफ पत्र लिखना राजद्रोह है? उन्होंने भी इन बुद्धिजीवियों के खिलाफ दायर मामलों को रद्द करने की मांग की है।

गौरतलब है कि इन 49 बुद्धिजीवियों के समर्थन में सोमवार को 185 लेखक और कलाकार खुलकर सामने आ गये और उन्होंने भी एक बयान जारी के इन बुद्धिजीवियों के खिलाफ दायर मामले की निंदा की।

गौरतलब है कि बिहार के मुजफ्फर पुर में अपर्णा सेन, अडूर गोपालकृष्णन और रामचन्द्र गुहा जैसे मशहूर हस्तियों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। इन हस्तियों ने मॉब लिंचिंग को लेकर चिंता जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था।

संतोष.श्रवण

वार्ता

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