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फसल अवशेष प्रबंधन के लिए किसानों से भी लें सुझाव : नीतीश

फसल अवशेष प्रबंधन के लिए किसानों से भी लें सुझाव : नीतीश

पटना 23 जनवरी (वार्ता) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वायु प्रदूषण के महत्वपूर्ण कारकों में शुमार फसल अवशेष (पराली) जलाने पर लगाम लगाने में किसानों को भी भागीदार बनाते हुए आज अधिकारियों को इस अवशेष के प्रबंधन के लिए कृषकों से भी व्यवहारिक सुझाव लेने का निर्देश दिया।

श्री कुमार ने यहां जल-जीवन-हरियाली अभियान की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए गंभीरतापूर्वक काम करें। पराली (पुआल) को नहीं जलाने के लिए किसानों को न केवल जागरूक करें बल्कि उनसे व्यवहारिक सुझाव भी लें कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए और क्या-क्या करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मौसम के अनुकूल फसल चक्र के लिए भी किसानों को प्रेरित किए जाने की जरूरत है। किस इलाके के लिए कौन सी फसल उपयुक्त होगी और किसानों को इस संबंध में और क्या-क्या सहायता करने की जरूरत है इस संबंध में भी जानकारी प्राप्त करते रहें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाली मिशन के तहत बड़ी संख्या में पाॅपुलर पेड़ लगाए गए थे, उन वृक्षों का बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि 8.50 करोड़ पौधे लगाए जाने का लक्ष्य है लेकिन उससे भी ज्यादा पौधे लगाए जाने चाहिए। कृषि एवं वन विभाग मिलकर इस पर काम करें। चौर क्षेत्रों के एक हिस्से में तालाब की खुदाई कर दूसरे हिस्से में उस भरे हुए मिट्टी पर वृक्षारोपण, फल-फूल, खस, लेमन ग्रास लगाने तथा तालाब में मछली उत्पादन के लिए लोगों प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि तालाबों में मखाना उत्पादन को और प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है। नीचे मछली और ऊपर बिजली यानि सौर ऊर्जा के लिए काम करें। अन्य क्षेत्रों में जो तालाब बनाए जा रहे हैं उसके किनारे मियावाकी मॉडल (30 गुना 35 फुट क्षेत्र में 256 पौधों को लगाने) के प्रयोग से हरित आवरण क्षेत्र बढ़ेगा।

सूरज

जारी (वार्ता)

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