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शाह का तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से उखाड़ फेंकने का आह्वान

शाह का तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से उखाड़ फेंकने का आह्वान

मालदा 22 जनवरी (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को ममता बनर्जी के नेतृत्ववाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार काे उखाड़ फेंकने के आह्वान के साथ 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान की औपचारिक शुरूआत की।
श्री शाह ने आज यहां एक रैली को संबोधित करते हुए राज्य की ममता सरकार पर जमकर हमले किए। उन्होंने कहा कि 2019 का चुनाव यह तय करेगा कि टीएमसी जो भाजपा के सभी कार्यक्रमों में रोड़े अटकाती है, रहेगी अथवा इसकी विदाई होगी।
उन्होंने लोगों से भयमुक्त होकर मतदान में भाग लेने की अपील करते हुए कहा कि इस बार प्रत्येक मतदान केंद्र पर चुनाव आयोग के कर्मी तथा अर्द्धसैनिक बलों के जवान तैनात रहेंगे। उन्होंने ममता सरकार ने भाजपा की रथ यात्रा को रोकने के लिए कोई भी अलोकतांत्रिक कदम को नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा,“वह जानती हैं कि ऐसी यात्रा उनके राजनीतिक जीवन को समाप्त कर देगी।”
भाजपा अध्यक्ष ने आगामी चुनाव में फिर से श्री नरेंद्र मोदी की वापसी का भरोसा जताते हुए कहा कि यदि लोग कमल की जीत सुनिश्चित करते हैं तो पार्टी बंगाल को अभूतपूर्व विकास तथा केंद्र सरकार के समान सातवां वेतन आयोग की अनुशंसा को लागू करेगी।
श्री शाह ने टीएमसी सरकार पर मोदी सरकार की ओर से लाये गये कई केंद्रीय लाभकारी योजनाओं से राज्य के लोगों को वंचित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इसमें आम लोगों के लिए प्रति वर्ष पांच लाख रुपये की चिकित्सा योजना आयुष्मान भी शामिल है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सांसद, विधायक और पुलिसकर्मी राज्य के डाकघरों में जा रहे हैं और आयुष्मान प्रमाणपत्रों के वितरण का विरोध कर रहे हैं। श्री शाह ने आरोप लगाया कि राज्य को मिलने वाला केंद्रीय धन को ‘सिंडिकेट’ और अवैध आप्रवासियों द्वारा हड़पा जा रहा है।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के बीच केंद्रीय मदद की तुलना करते हुए, श्री शाह ने कहा कि संप्रग सरकार ने बंगाल को एक लाख 32 हजार करोड़ रुपये प्रदान किए थे, जबकि श्री मोदी के कार्यकाल में राजग सरकार ने 395 लाख 406 करोड़ रुपये दिए थे।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार साल-दर-साल पीछे जा रही है तथा सुश्री बनर्जी केे सत्ता में आने के बाद स्थिति और खराब ही हुई है। उन्होंने कहा,“बंगाल के लोगों ने परिवर्तन के लिए मतदान किया था लेकिन ममता के आने के बाद यह देश का सबसे खराब राज्य की श्रेणी में शामिल हो गया। और अब लोग कमल के लिए दूसरा बदलाव चाहते हैं।”
श्री शाह ने आरोप लगाया कि राज्य एक बम बनाने वाली फैक्ट्री और सिंडिकेट राज के तौर पर बदल गया तथा यहां तक ​​कि टीएमसी सांसद सौगत राय भी इस राज से अछूते नहीं रहे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने देश में 16 राज्यों में शासन किया है लेकिन किसी भी राज्य में ऐसा सिंडिकेट टैक्स नहीं है जैसा कि बंगाल में टीएमसी सरकार के अधीन है।
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी सरकार ने विपक्षी दलों का मुंह बंद करने के लिए सभी लोकतांत्रिक मानदंडों को खत्म कर दिया है और उसे दबाने के लिए सभी तानाशाही तरीकों का सहारा लिया है।
श्री शाह ने आरोप लगाया कि टीएमसी के हमलों से भाजपा के 39 कार्यकर्ता मारे गए और 100 से अधिक घायल हुए हैं।
श्री शाह ने कहा, “मैं यहां बंगाल में चुनावी अभियान की शुरुआत करने आया हूं। 2019 का लोकसभा चुनाव देश के बाकी हिस्सों की तुलना में बंगाल के लिए अधिक महत्वपूर्ण है। यह चुनाव यह निर्धारित करने के लिए है कि क्या यह निरंकुश टीएमसी सरकार बनी रहेगी या सत्ता से बेदखल की जाएगी।”
उन्होंने कहा कि टीएमसी के शासन काल में राज्य में हर पांचवां व्यक्ति गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहा है। उन्होंने टीएमसी पर बंगाल को कंगाल राज्य के रूप में बदलने का आरोप लगाते हुए कहा,“ममता हमारी यात्राओं काे भले ही रोक ले, लेकिन लोगों के दिलों से भाजपा को नहीं निकाल सकतीं।”
श्री शाह ने कहा,“आप हमें यात्रा के लिए अनुमति नहीं दें। यह एक बड़ी बात नहीं है। हम कड़ी मेहनत करेंगे, पसीना बहाएंगे, लेकिन यह सुनिश्चित करेंगे कि टीएमसी सत्ता से बेदखल हो। ”
श्री शाह ने कहा,“आप (टीएमसी) ने पंचायत चुनावों में लोगों को वोट नहीं करने दिये। इस बार कोशिश न करें। मतदान केन्द्र में चुनाव आयोग का प्रभारी होगा और आयोग का कर्मचारी सभी बूथों में होगा। लोगों को डरने की जरूरत नहीं है।”
भाजपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि केंद्रीय की आधी धनराशि का उपयोग घुसपैठियों और शेष धनराशि टीएमसी नेताओं द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा, “मैं हिंदू, बौद्ध और सिख लोगों को आश्वासन दे रहा हूं कि उन्हें एनआरसी से डरने की जरूरत नहीं है।”
श्री शाह ने कहा, “मैं ममता से पूछना चाहता हूं कि बांग्लादेश से आए शरणार्थी आपसे पूछ रहे हैं कि क्या आप नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन करेंगी।”
संजय, उप्रेती
वार्ता

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