मुंबई, 09 जनवरी (वार्ता) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा की “गांधी शांति यात्रा” को गुरुवार को गेटवे ऑफ इंडिया पर हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और राकांपा के मंत्री नवाब मलिक के सामने यात्रा का शुभारंभ हुआ।
इस अवसर पर श्री पवार ने कहा, “सरकार तानाशाही नीतियों का उपयोग कर रही है। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में जो हुआ उसका पूरे देश में विरोध हो रहा है। गांधीजी की अहिंसा के तरीके के साथ सरकार की तानाशाही का जवाब दिया जाना चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि देश में सीएए-एनआरसी पर भय का माहौल व्याप्त है। उन्होंने सरकार पर एक ऐसी स्थिति बनाने का आरोप लगाया जहां लोगों को लग रहा है कि सरकार द्वारा जरूरी दस्तावेज न होने की स्थिति में उन्हें शिविरों में रहना होगा।
श्री सिन्हा के नेतृत्व में राष्ट्र मंच ने इस रैली का आयोजन किया। राष्ट्रमंच ने कहा कि केन्द्र सरकार सीएए को निरस्त करे और देश भर में एनआरसी लागू नहीं करने की घोषणा संसद में करने की मांग की।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारी भी चाहते हैं कि सरकार उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के माध्यम से जेएनयू में हुयी हिंसा की न्यायिक जांच सुनिश्चित करे।
राष्ट्रमंच के मुताबिक 30 जनवरी को दिल्ली के राजघाट पर गांधी जी की पुण्यतिथि के अवसर पर इस रैली का समापन होगा। आयोजकों ने कहा कि महाराष्ट्र के अलावा, गांधी शांति यात्रा गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश,
हरियाणा और दिल्ली से होकर 3,000 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।
त्रिपाठी, रवि
वार्ता