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महाराष्ट्र में सरकार को लेकर शिवसेना के तेवर और तल्ख् : अहंकार न पालिए : राउत

महाराष्ट्र में सरकार को लेकर शिवसेना के तेवर और तल्ख् : अहंकार न पालिए : राउत

मुंबई,01 नवम्बर(वार्ता) महाराष्ट्र विधानसभा के परिणाम आये एक सप्ताह से अधिक समय बीत गया है। राज्य विधानसभा का चुनाव मिलकर लड़ने वाली भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और शिवसेना ने 288 सदस्यीय सदन में 161 सीटें जीतकर बहुमत तो हासिल कर लिया है किंतु मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों दलों के बीच तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है ।

शिवसेना के मुखर नेता और समय-समय पर भाजपा को घेरने वाले संजय राउत ने शुक्रवार को ट्वीटर के जरिये भाजपा पर तेज हमला बोला। उन्होंने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा कि अहंकार मत पालो। वक्त के सागर में कई सिकंदर डूब गए हैं।

महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव परिणाम 24 अक्टूबर को आए थे। भाजपा 288 सीटों वाली विधानसभा में 105 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रुप में उभरी जबकि शिवसेना ने 56 सीटें जीतीं। बहुमत मिलने के बावजूद दोनों दलों के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर लगातार खींचतान जारी है। भाजपा मुख्यमंत्री पद में किसी तरह का बंटवारा नहीं चाहती है जबकि शिवसेना का कहना है कि 50-50 फार्मूले के तहत सरकार बने । शिवसेना पहले ढाई साल मुख्यमंत्री का पद चाहती है, जिस पर भाजपा सहमत नहीं है ।

भाजपा ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस को फिर विधायक दल का नेता चुना है जबकि शिवसेना ने सभी अटकलों को दरकिनार करते हुए एकनाथ शिंदे को नेता बनाया है।

श्री राउत ने शुक्रवार को ट्वीटर पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर तेज हमला करते हुए लिखा,

“* साहिब...*

* मत पालिए, अहंकार को इतना,*

*वक्त के सागर में कई,*

* सिकन्दर डूब गए ..!*”

श्री राउत यहीं नहीं रुके और उन्होंने कहा कि यदि शिवसेना चाहे तो अपने दम पर महाराष्ट्र में सरकार बना सकती है। उन्होंने कहा कि यदि पार्टी निर्णय करती है तो उसे राज्य में स्थिर सरकार बनाने के जरुरी संख्या मिल जायेगी । जनता ने विधानसभा चुनाव में 50-50 फार्मूले के आधार पर राज्य में सरकार बनाने का जनादेश दिया है। जनता शिवसेना का मुख्यमंत्री चाहती है और लिख लीजिए मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा।

शिवसेना के मुखपत्र दैनिक सामना के कार्यकारी संपादक और राज्यसभा सांसद राउत ने गुरुवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार से भी मुलाकात की थी। पार्टी के विधायक दल का नेता चुनने के बाद शिवसेना विधायकों ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से भी भेंट की थी।

पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के भी मुख्यमंत्री को लेकर तेवर कड़े बने हुए हैं। गुरुवार को विधायक दल का नेता चुने जाने के लिए सेना भवन में नव निर्वाचित विधायकों को संबोधित करते हुए शिवसेना प्रमुख ने कहा,“ मुख्यमंत्री पद पाना शिवसेना का सपना है। मैं एक राजनीतिक पार्टी चलाता हूं और मेरी ख्वाहिश है कि मुख्यमंत्री शिवसेना का होना चाहिए। इसमें गलत क्या है यह मेरा आग्रह है और इसको मैं आप सबके सहयोग से पूरा करूंगा। मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कोई हमेशा के लिए नहीं बैठक सकता।”

गौरतलब है कि इस बार विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे भी वरली से चुनाव जीते हैं। पिछली बार भाजपा और शिवसेना की गठबंधन सरकार देवेंद्र फडनवीस के नेतृत्व में पांच साल चली थी।

महाराष्ट्र विधानसभा की मौजूदा स्थिति में भाजपा 105 सबसे बड़ा दल है। शिवसेना के 56 विधायक हैं जबकि राकांपा 54 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं। शिवसेना ने कल सात और विधायकों का दावा कर कहा था कि उसका समर्थन करने वाले विधायकों की कुल संख्या 63 हो गई है। तेरह निर्दलीय विधायक हैं जबकि अन्य दलों से हैं।

केंद्र में भाजपा की सहयाेगी रिपब्लिकन पार्टी के प्रमुख रामदास आठवाले ने भी महाराष्ट्र सरकार में भागीदारी की मांग करते हुए उनके दल को छह स्थान दिए जाने की मांग की है ।

भाजपा ने 15 और विधायकों का दावा किया है जिसमें निर्दलीय और अन्य छोटे दलों के विधायक हैं।

महाराष्ट्र में नयी सरकार को लेकर अलग-अलग तरह के गणित लगाए जा रहें हैं लेकिन आने वाले दिनों में ही यह स्पष्ट होगा कि ऊंट किस करवट बैठता है।

मिश्रा.संजय

वार्ता

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