खेलPosted at: Dec 25 2019 6:03PM निशानेबाजों ने जगाई टोक्यो ओलम्पिक में पदक की उम्मीद
नयी दिल्ली, 25 दिसम्बर (वार्ता) भारतीय निशानेबाजों ने पूरे साल अपने शानदार प्रदर्शन और रिकॉर्ड 15 ओलम्पिक कोटा हासिल कर अगले साल होने वाले टोक्यो ओलम्पिक के लिए पदक उम्मीद को जगा दिया है।
भारतीयों ने टोक्यो के लिए 15 ओलम्पिक कोटा हासिल कर लिए हैं जो 2016 के पिछले रियो ओलम्पिक खेलों से तीन कोटा स्थान ज्यादा हैं। भारत के युवा निशानेबाजों ने खासतौर पर शानदार प्रदर्शन किया और इस प्रदर्शन के आधार पर वे पदक के दावेदार नजर आ रहे हैं, हालांकि इस कामयाबी को टोक्यो ओलम्पिक में पदक में बदलना उनके लिए बड़ी चुनौती होगी।
रियो ओलम्पिक से पहले के वर्ष में भी भारतीय निशानेबाजों का प्रदर्शन शानदार रहा और उस समय उन्होंने रिकॉर्ड 12 ओलम्पिक कोटा हासिल किये थे लेकिन निशानेबाजों का ओलम्पिक में निराशाजनक प्रदर्शन रहा और वे वहां से खाली हाथ लौटे।
इस प्रदर्शन के बाद भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने एक समीक्षा समिति बनाई जिसकी रिपोर्ट को उसने सार्वजानिक तौर पर जारी किया। फिर निशानेबाजी कार्यक्रम में बदलाव लाया गया जिसमें युवा निशानेबाजों को प्रोत्साहन दिया गया। इसके अच्छे परिणाम सामने आये और अब निशानेबाजों से फिर ओलम्पिक में पदक उम्मीद बंध गयी है। भारत ने 2004, 2008 और 2012 में निशानेबाजी ने पदक जीते थे और सिर्फ 2016 में उसे निशानेबाजी में पदक नहीं मिल पाया था।
इस वर्ष मार्च में दिल्ली में आईएसएसएफ विश्व कप का आयोजन हुआ और एनआरएआई के अध्यक्ष रणइंदर सिंह ने इस प्रतियोगिता से 3-4 कोटा मिलने की भविष्यवाणी की थी लेकिन सिर्फ 16 साल के सौरभ चौधरी 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण जीतने के साथ कोटा हासिल कर पाए थे। इससे पहले पिछले साल अंजुम मुद्गिल और अपूर्वी चंदेला ने 10 मीटर एयर राइफल महिला वर्ग में देश को दो ओलम्पिक कोटा दिलाये थे।
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