नयी दिल्ली 05 मार्च (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने शोपियां गोलीबारी मामले में मेजर आदित्य कुमार के खिलाफ सभी जांच पर 24 अप्रैल तक आज रोक लगा दी और कहा कि मेजर कुमार के साधारण सामान्य अपराधी की तरह व्यवहार नहीं किया जा सकता।
मेजर कुमार के पिता लेफ्टिनेंट कर्नल करमवीर सिंह की याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष जैसे ही शुरू हुई, एटर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने याचिका का समर्थन किया।
श्री वेणुगोपाल ने कहा कि सेना कानून तथा उच्चतम न्यायालय के फैसलों के परिप्रेक्ष्य में इस मामले में प्राथमिकी नहीं दर्ज की जा सकती।
इस बीच जम्मू कश्मीर पुलिस ने शीर्ष अदालत के समक्ष जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश की जिसमें उसने कहा है कि प्राथमिकी में मेजर आदित्य के नाम का उल्लेख नहीं किया गया है।
जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफाडे ने दलील दी कि अभी तक मेजर कुमार को प्राथमिकी में आरोपी के तौर पर नामजद नहीं किया गया है।
पीठ ने पूछा कि क्या मेजर कुमार का नाम बाद में प्राथमिकी में जोड़ा जायेगाख, इस पर श्री नफाडे ने कहा कि यह मामले की जांच पर निर्भर करेगा। इस पर पीठ ने श्री नफाडे से व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “ताकि आप उन्हें (मेजर कुमार को) बाद में नामजद कर सकें...। आप (राज्य सरकार) उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकते।”
एटर्नी जनरल ने भी श्री नफाडे की दलील का पुरजोर विरोध किया। इस मामले में राज्य सरकार ने संविधान पीठ के पूर्व के फैसलों की अनदेखी की है।
मामले की जांच पर रोक के न्यायालय के आदेश का श्री नफाडे ने विरोध किया, लेकिन पीठ ने कहा, “आप उन्हें (मेजर कुमार को) एक साधारण अपराधी की तरह व्यवहार नहीं कर सकते। जम्मू कश्मीर के वकील ने कहा, “क्या इससे सेना को हत्या करने का लाइसेंस नहीं मिल जाएगा?”
इस पर श्री वेणुगोपाल ने जवाब दिया, “राज्य में सेना के सैकड़ों जवान मारे जाते हैं, तब राज्य सरकार के वकील की आवाज क्यों बंद हो जाती है?”
इसी जिरह के बीच न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 अप्रैल की तारीख मुकर्रर की तथा जम्मू-सरकार को निर्देश दिया कि तब तक इस मामले में कोई जांच नहीं होगी।
गौरतलब है कि शोपियां में पत्थरबाजी कर रही भीड़ पर गोलीबारी में तीन नागरिकों की मौत हो गयी थी। इसके बाद जम्मू कश्मीर सरकार ने मेजर आदित्य कुमार सहित 10वीं गढ़वाल राइफल के जवानों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
सुरेश
वार्ता