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श्रीमद्भगवद् गीता भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधि ग्रंथ : फागू चौहान

श्रीमद्भगवद् गीता भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधि ग्रंथ : फागू चौहान

पटना, 25 नवम्बर (वार्ता) बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने श्रीमद्भगवद् गीता को भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधि ग्रंथ बताया और कहा कि यह केवल सनातन धर्म या हिन्दू धर्म का एक ग्रंथ नहीं बल्कि हर मानव जीवन, तन, मन, धन, संसाधन, संबंध और जिम्मेवारी प्रबंधन की उत्तम व्यावहारिक मार्ग-दर्शिका है।

श्री चौहान ने आज राजधानी पटना के श्रीकृष्ण स्मारक हॉल में प्रजापिता ब्रह्मकुमारी संस्था द्वारा आयोजित ‘श्रीमद्भगवद्गीता महासम्मेलन’ का उद्घाटन करने के बाद आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार के धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन से हमारे भीतर आत्मबल विकसित होता है और सदाचार के पथ पर अग्रसर होने की प्रेरणा मिलती है। पूरे समाज के लोग जब एक साथ एकत्रित होकर हृदय की शुद्धता, भक्ति, नैतिकता और मर्यादा आदि पर साधु-सन्तों के विचार सुनते हैं, तो उनके भीतर सत्यनिष्ठा, तपस्या, त्याग और बंधुत्व की भावना मजबूत होती है।

राज्यपाल ने कहा कि कोई भी धर्म हो, सभी भाईचारा और प्रेम की ही शिक्षा देते हैं। ‘धर्म’ वही है जो धारण करने योग्य हो और धारण वही किया जा सकता है, जो समस्त मानवता के लिए कल्याणकारी एवं मंगलकारी हो। उन्होंने कहा कि समाज में समता हो, शांति हो, भाईचारा हो, प्रेम हो, सभी एक दूसरे के प्रति सम्मान और आदर का भाव रखें, सभी एक दूसरे के लिए त्याग और सहिष्णुता की भावना रखें -इन्हीं सब बातों से देश की एकता को ताकत मिलती है।

सतीश

जारी वार्ता

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