खेलPosted at: Aug 28 2018 4:11PM स्वर्णिम इतिहास से चूकीं सिंधू, एक बार फिर रजत
जकार्ता, 28 अगस्त (वार्ता) भारत को एशियाई खेलों के इतिहास में पहला बैडमिंटन स्वर्ण पदक दिलाने की उम्मीदें मंगलवार को पीवी सिंधू की चीनी ताइपे की ताई जू यिंग के हाथों शिकस्त के साथ टूट गयीं। हालांकि स्टार शटलर ने देश को एशियाड में पहला ऐतिहासिक रजत पदक जरूर दिला दिया।
18वें एशियाई खेलों में महिला एकल फाइनल में विश्व की नंबर एक खिलाड़ी ताई के हाथों तीसरी वरीय सिंधू को लगातार गेमों में 13-21, 16-21 से 34 मिनट में शिकस्त मिली। इसी के साथ सिंधू एक बार फिर फाइनल की प्रेतबाधा से मुक्त नहीं हो पायीं और उन्हें रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।
23 साल की सिंधू इस हार से फाइनल में लगातार पराजित होने का सिलसिला नहीं तोड़ सकीं जबकि उनसे भारी अपेक्षा थी। वह 2016 के रियो ओलंपिक, इस साल के राष्ट्रमंडल खेलों और विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में हारकर रजत पदक ही जीत पायी थीं और मंगलवार को एशियाई खेलों के फाइनल में भी उन्हें शिकस्त मिली।
सिंधू के रजत और सायना को कांस्य पदक मिलने से भारत का एशियाई खेलों के एकल मुकाबलों में पिछले 36 वर्षाें का व्यक्तिगत पदक सूखा समाप्त हो गया। सैयद मोदी ने आखिरी बार 1982 के नयी दिल्ली एशियाई खेलों में पुरूष एकल वर्ग में कांस्य पदक जीता था। भारत का इन खेलों में यह बैडमिंटन में दूसरा पदक है।
ताई ने इससे एक दिन पहले सायना नेहवाल को सेमीफाइनल में पराजित किया था जिससे सायना को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था। ताई की सायना के खिलाफ यह लगातार 10वीं जीत थी और आज की जीत से उन्होंने सिंधू को लगातार छठी बार हरा दिया। सिंधू ने आखिरी बार ताई को रियो ओलंपिक के क्वार्टरफाइनल में हराया था। ताई अब तक दोनों भारतीय खिलाड़ियों को कुल 20 बार हरा चुकी हैं और उनसे सिर्फ छह बार हारी हैं।