बासेल, 24 अगस्त (वार्ता) गत उपविजेता भारत की पीवी सिंधू ने चौथी सीड चीन की चेन यू फेई को शनिवार को लगातार गेमों में 21-7, 21-14 से हराकर विश्व बैडमिंटन प्रतियोगिता के फाइनल में प्रवेश करने के साथ ही नया इतिहास रच दिया जबकि बी साई प्रणीत को सेमीफाइनल में विश्व के नंबर-1 खिलाड़ी जापान के केंतो मोमोता ने आसानी से 21-13, 21-8 से हरा दिया।
पांचवीं सीड सिंधू लगातार तीसरी बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची हैं और इस टूर्नामेंट के इतिहास में स्वर्ण पदक जीतने वाला पहला भारतीय खिलाड़ी बनने से एक कदम दूर रह गयी हैं। सिंधू ने पिछले दो साल इस टूर्नामेंट में रजत पदक जीते थे। वह विश्व चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक भी जीत चुकी हैं।
दूसरी तरफ प्रणीत को सेमीफाइनल में हारने के बाद कांस्य से संतोष करना पड़ा। प्रणीत ने इसके बावजूद इतिहास बनाया और वह महान प्रकाश पादुकोण के 1983 में कांस्य पदक जीतने के 36 साल बाद इस प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गए।
ओलम्पिक रजत विजेता सिंधू ने इससे पहले क्वार्टरफाइनल में विश्व की दूसरे नंबर की खिलाड़ी ताइपे की ताई जू यिंग को हराया था और अब सेमीफाइनल में उन्होंने विश्व रैंकिंग में तीसरे नंबर की खिलाड़ी चीन की यू फेई को 40 मिनट में शिकस्त दे दी और इस साल के अपने दूसरे फ़ाइनल में जगह बनाई। वह इस साल इससे पहले इंडोनेशिया ओपन के फाइनल में पहुंचीं थीं।
सिंधू का अब खिताब के लिए अपनी कट्टर प्रतिद्वंद्वी और विश्व की चौथे नंबर की खिलाड़ी जापान की नोजोमी ओकुहारा से मुकाबला होगा जिन्होंने अन्य सेमीफाइनल में थाईलैंड की रत्चानोक इंतानोन को एक घंटे 23 मिनट के संघर्ष में 17-21, 21-18, 21-15 से हराया। सिंधू का ओकुहारा के खिलाफ 8-7 का करियर रिकॉर्ड है। इस साल दोनों खिलाड़ियों ने एक-दूसरे के खिलाफ एक-एक मैच जीता है। सिंधू ने पिछले साल विश्व चैंपियनशिप में ओकुहारा को हराया था।
विश्व चैंपियनशिप में 2017 और 2018 में रजत पदक तथा 2013 और 2014 में कांस्य पदक जीत चुकी सिंधू को पिछले आठ महीने से एक अदद खिताब की तलाश है। सिंधू ने पिछले साल के आखिर में वर्ल्ड टूर फाइनल्स में खिताब जीता था और वह उसके बाद अपने पहले खिताब की तलाश में हैं।
सिंधू ने पहले गेम में चीनी खिलाड़ी को कोई मौका नहीं दिया और इस गेम को एकतरफा अंदाज में 21-7 से जीत लिया। उन्होंने शुरुआत से ही बढ़त बनायी और 8-2, 14-3 तथा 20-6 से अपनी बढ़त को मजबूत करते हुए पहला गेम 21-7 पर समाप्त कर दिया।
दूसरे गेम में चीनी खिलाड़ी ने वापस करने की कोशिश की लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने उन्हें कोई मौका नहीं दिया। उन्होंने 10-7, 16-9, 20-12 की बढ़त बनाते हुए दूसरा गेम 21-14 पर समाप्त कर लगातार तीसरे वर्ष फाइनल में जगह बना ली।सिंधू ने इस जीत से यू फेई के खिलाफ अपना करियर रिकॉर्ड 6-3 कर लिया है। सिंधू ने इस साल इंडोनेशिया ओपन में भी यू फेई को हराया था।
पुरुष सेमीफाइनल में प्रणीत दोनों गेम में अंक जीतने की शुरुआत करने के बावजूद विश्व के नंबर एक जापानी खिलाड़ी के सामने कोई चुनौती नहीं पेश कर पाए। प्रणीत ने 42 मिनट में यह मुकाबला गंवाया। इस हार के बाद 19वीं रैंकिंग के प्रणीत का मोमोता के खिलाफ 2-4 का करियर रिकॉर्ड हो गया है।
प्रणीत ने पहले गेम में 2-0 की बढ़त बनायी लेकिन इसके बाद वह पिछड़ते रहे। पहले गेम में प्रणीत ने पहले 10 अंक तक संघर्ष किया लेकिन मोमोता ने 15-10 की बढ़त बनने के बाद यह गेम 21-13 से जीत लिया।
दूसरे गेम में भी प्रणीत ने पहला अंक लिया लेकिन मोमोता ने लगातार आठ अंक लेकर 9-2 की बढ़त बना ली। प्रणीत का संघर्ष जवाब दे गया और मोमोता ने 21-8 से यह गेम जीतकर फाइनल में जगह बना ली।