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सिंह ने फिल्म पानीपत पर रोक लगाने की मांग की

सिंह ने फिल्म पानीपत पर रोक लगाने की मांग की

जयपुर 08 दिसम्बर (वार्ता) राजस्थान के पर्यटन मंत्री एवं पूर्व महाराजा सूरजमल के वंशज विश्वेन्द्र सिंह ने फिल्म पानीपत को विवादित बताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की है।

श्री सिंह ने आज मीडिया से कहा कि फिल्म में महाराजा सूरजमल को लेकर जिस तरीके से दर्शाया गया है वह गलत है और इसे लेकर पूरे जाट समाज में रोष व्याप्त है। उन्होंने बताया कि इसे लेकर हरियाणा से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और राजस्थान जाट समाज ने उनसे बात की है और इस पर गहरा रोष जताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसमें जाटों को नीचा दिखाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड की गई है।

उन्होंने बताया कि फिल्म में जाटों पर गलत फिल्मांकन किया गया है और इसे लेकर समाज में रोष है, इससे उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अवगत करा दिया गया है और फिल्म पर रोक होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी महात्मा एवं घराने पर फिल्म बनाने के बाद उसे प्रदर्शित करने से पहले जांच कमेटी होनी चाहिए तथा संबंधित प्रतिनिधि को बुलाकर उनकी सहमति लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इतिहास को नष्ट किया गया तो प्रतिक्रिया तो होगी। श्री सिंह ने कहा कि उन्होंने फिल्म पदमावत के समय भी उन्होंने विवादित दृश्य का विरोध किया था।

उन्होंने बताया कि मराठा तृतीय पानीपत की लड़ाई लड़ने जा रहे थे तब सूरजमल ने कहा था कि वे महिलाओं को कुम्हेर छोड़ जाये, लेकिन उन्होंने उनकी बात नहीं मानी और उन्हें देख लेने की धमकी दी थी। बाद में युद्ध में हार के बाद घायल मराठों को सूरजमल ने छह महीने तक पनाह दी थी। उन्होंने बताया कि अल्लाउद्दीन खिलजी ने सूरजमल से कहा था कि वह कुम्हेर पर आक्रमण करेगा। तब उन्होंने अपने जवाब में कहा कि हिन्दुस्तान के शंहशाह को गरीब किसान को कुचल देने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन ईश्वर की कृपा से उलटा हो गया तो आपकी क्या औकात रहेगी। इस पर अल्लाउद्दीन ने महाराजा सूरजमल की प्रशंसा की थी।

श्री सिंह ने कहा कि फिल्म में विवादित दृश्य हटाया जाये। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार से गुजारिश है फिल्म पर रोक लगाई जानी चाहिए ताकि इसके पीछे कोई बवाल नहीं मचे।

जोरा

वार्ता

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